बिहार के 11 जिलों के उद्योग पदाधिकारी हो जाएंगे सेवानिवृत्त, औद्योगिक विकास की मुहिम की रफ्तार पर लग जाएगा ब्रेक
बिहार के पांच उद्योग निदेशालय के भी पदाधिकारी होंगे सेवानिवृत्त। मुख्यमंत्री उद्यम प्रोत्साहन योजना के क्रियान्वयन पर पड़ेगा असर। सेवानिवृत होने वालों में भागलपुर और मुंगेर के भी जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक हैं शामिल। बुनकरों को काफी नुकसान होगा।
भागलपुर [प्रशांत]। रोजगार सृजन सरकारी की सर्वोच्च प्राथमिकता है। रोजगार सृजन के लिए औद्योगिक विकास जरूरी है। यही कारण है कि राज्य सरकार सूबे में औद्योगिक विकास की मुहिम चला रही है। छोटे छोटे उद्योग को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री महिला, युवा, अनुसूचित जाति जनजाति, अत्यंत पिछड़ा वर्ग उद्यम प्रोत्साहन जैसी महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की गई है। बड़े निवेशकों को भी आमंत्रित किया जा रहा है, ताकि सूबे में उद्योग का जाल बिछाया जा सकें। नई टेक्सटाइल और लेदर पालिसी को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है। इन सभी कवायदों के बीच चिंता की बात यह है कि उद्योग विभाग में अधिकारियों का टोटा है। एक एक पदाधिकारी के जिम्मे कई जिम्मेवारी है। वहीं, फरवरी माह तक भागलपुर सहित सूबे के 11 जिलों के उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक सेवानिवृत हो जाएंगे। उद्योग निदेशालय पटना के चार वरीय पदाधिकारियों का नाम भी सेवानिवृत होने वालों की सूची में है। ऐसे में अगर अविलंब पदाधिकारियों की नियुक्ति नहीं हुई, तो औद्योगिक विकास की मुहिम मंद पड़ जाएगी।
जिला पदाधिकारी का नाम सेवानिवृत होने की तिथि शिवहर शिवकुमार सिंंह 30 सितंबर 2021 गोपालगंज कमलेश सिंंह 31 अक्टूबर 2021 समस्तीपुर सुरेश मिश्र 30 नवंबर 2021 बेगूसराय राजकुमार शर्मा 31 जनवरी 2022 मुजफ्फरपुर परिमल कुमार सिन्हा 31 जनवरी 2022 मुंगेर एस मुजफ्फर रजी 31 जनवरी 2022 भोजपुर मनोज रंजन 31 जनवरी 2022 भागलपुर रामशरण राम 31 जनवरी 2022 मधुबनी विनोद शंकर सिंंह 28 फरवरी 2022 पटना पूनम शरण 28 फरवरी 2022
निदेशालय के ये पदाधिकारी होंगे सेवानिवृत
रंजीत कुमार कार्यकारी प्रबंधक सह उप उद्योग निदेशक उद्योग निदेशालय 31 दिसंबर 2021 बलराम सिंंह संयुक्त उद्योग निदेशक तकनीकी विकास निदेशालय 31 जनवरी 2022 अशोक कुमार सिन्हा, सलाहकार खाद्य प्रसंस्करण निदेशालय 31 जनवरी 2022 राजेश कुमार सहायक उद्योग निदेशक उद्योग निदेशालय : 28 फरवरी 2022 प्रेमचंद्र झा, कार्यकारी प्रबंधक सह प्रभारी उप उद्योग निदेशक रेशम हस्तकरक्षा एवं रेशम निदेशालय 28 फरवरी 2022सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजना के क्रियान्वयन पर भी पड़ेगा असर
रोजगार सृजन के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री युवा, महिला, अनुसूचित जाति जनजाति और अत्यंत पिछड़ा वर्ग उद्यम प्रोत्साहन योजना की शुरुआत की। इस योजना के तहत नया उद्यम शुरू करने के लिए दस लाख रुपये का ऋण दिया जाता है। जिसमें 50 फीसदी अनुदान भी दिया जाता है। सभी वर्ग में दोगुणा से अधिक आवेदन आए। उद्योग निदेशालय से आवेदन को चयनित कर जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक के पास भेजा जाएगा। महाप्रबंधक से स्वीकृति मिलने के बाद आवेदक के खाते में राशि आएगी। ऐसे में अगर उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक का पद रिक्त होगा, तो योजना के क्रियान्वयन पर निश्चित रूप से असर पड़ेगा।
बुनकरों को कार्यशील पूंजी देने में भी आएगी बाधा
भागलपुर जिला में चार हजार बुनकरों को दस-दस हजार रुपये कार्यशील पूंजी उपलब्ध कराई गई है। 18 सौ बुनकरों को अब भी कार्यशील पूंजी उपलब्ध कराया जाना है। उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक के सेवानिवृत होने पर इस योजना के क्रियान्वयन पर भी असर पड़ेगा।
मेगा क्लस्टर योजना पर भी पड़ेगा असर
उद्योग विभाग की ओर से जिला में एक मेगा क्लस्टर बनाने का निर्णय लिया है। जिसमें एक साथ दो हजार बुनकरों को जोड़ा जाएगा। उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक का पद रिक्त होने के बाद मेगा क्लस्टर निर्माण योजना पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।