कछार पर कब्जे को ले भागलपुर में अंधाधुंध गोलीबारी, आपराधिक गिरोहों ने की 50 राउंड फायरिंग

भागलपुर में आपराधियों के बीच रुक-रुक कर 50 से अधिक राउंड दागी गई गोलियां। जमीन कब्‍जे को लेकर यह घटना हुई। गंगा से निकली सलेमपुर और महादेवपुर मौजा की जमीन पर कब्जे की जंग। राघोपुर छोटी परबत्ता जगतपुर और पछियारी बरारी के सरगनाओं की तीन दिनों से गरज रहीं बंदूकें।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Sun, 28 Nov 2021 10:54 PM (IST) Updated:Sun, 28 Nov 2021 10:54 PM (IST)
कछार पर कब्जे को ले भागलपुर में अंधाधुंध गोलीबारी, आपराधिक गिरोहों ने की 50 राउंड फायरिंग
भागलपुर में जमीन कब्‍जे को लेकर फायरिंग हुई।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। बरारी और छोटी परबत्ता थाना क्षेत्र के बीच गंगा नदी से निकली सलेमपुर और महादेवपुर मौजा की जमीन पर कब्जे की जंग में आपराधिक गिरोहों के बीच अंधाधुंध गोलियां चलने की बात प्रकाश में आई है। दोनों पक्षों की ओर से रुक-रुक कर 50 से अधिक चक्र गोलियां चलाई गईं।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार जमीन पर कब्जे के लिए गंगा पार के अपराधी राइफल, मास्केट, बंदूक लेकर डटे हुए हैं, जबकि बरारी और मीराचक बहियार में सक्रिय अपराधी मास्केट और तमंचे से उधर से चलाई गई गोलियों का जबाव गोलियां दाग कर दे रहे हैं।

गंगा से निकली सलेमपुर और महादेवपुर मौजा की जमीन पर कब्जे की जंग में राघोपुर, जगतपुर, छोटी परबत्ता, पछियारी बरारी, मीराचक बहियार में सक्रिय आपराधिक गिरोह शामिल हैं। इनमें महेश्वर गिरोह, अर्जुन गिरोह, कारू गिरोह, प्रकाश चांय गिरोह के शातिर अधिक से अधिक जमीन पर कब्जे की फिराक में हैं। ऐसे में उन किसानों के चेहरे पर मायूसी छा गई है जिनकी जमीन गंगा से इन दोनों मौजा में निकली है।

लंबे समय बाद निकली जमीन की जानकारी बाद उन किसानों को आमदनी की आस जगी थी लेकिन हथियारबंद गिरोहों के कब्जे की जंग शुरू होते ही उनमें खौफ समा गया है। अब वे जान बचाने में लगे हैं। इधर, गंगा के कछार में गोलीबारी की जानकारी मिलने पर बरारी और छोटी परबत्ता पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। बताया जा रहा है कि दियारा के वैसे किसान जिनकी जमीनें गंगा से बाहर निकली है वह अपराधियों के भय से कुछ बोलने से बच रहे हैं।

अपराधियों को हथियारबंद होकर गंगा से निकले कछार में विक्रमशिला सेतु से भी आसानी से देखा जा सकता है। बरारी, राघोपुर, गोपालपुर आदि इलाके के रहने वाले किसानों की काफी जमीनें गंगा में समा चुकी थी, जिनकी जमीनें गंगा से बाहर आई है वह वहां फसल लगाने की चाहत में जब कछार तक पहुंचें तो वहां पहले से मौजूद अपराधियों ने बंदूक का भय दिखा खदेड़ भगाया।

chat bot
आपका साथी