मालदा रेल मंडल : बहुरेंगे विक्रमशिला के दिन, रेल पुल जोड़ेगा गंगा के किनारों को, जानिए... रेलवे की योजना
Indian Rail कई असुविधा झेल रहे विक्रमशिला के दिन अब बहुरने वाले हैं। बटेश्वर स्थान से कटरिया के बीच 32 किलोमीटर बिछेगी रेल लाइन 2.1 किलोमीटर का होगा पुल। पीपीपी मोड के तहत होगा निर्माण गुडग़ांव की कंपनी को मिला काम।
भागलपुर [रजनीश]। आवागमन के साधनों का अभाव झेल रहे विक्रमशिला के दिन अब बहुरने वाले हैं। देश के प्रसिद्ध प्राचीन विश्वविद्यालयों में से एक इस विवि के करीब बटेश्वरस्थान के पास देश के लंबे रेल पुलों में से एक के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। दो किलोमीटर का यह पुल गंगा के दोनों किनारों को जोड़ेगा। इससे गंगा पार के इलाकों से विक्रमशिला सीधे जुड़ जाएगा। सिलीगुड़ी आदि इलाकों के लोगों को भी विक्रमशिला पहुंचने में आसानी होगी। यात्रियों को राहत मिलेगी।
पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप
पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी मोड) के तहत इस पुल का निर्माण किया जाएगा। गुडग़ांव की राइट्स लिमिटेड कंपनी को इसका जिम्मा दिया जाएगा। रेल मंत्रालय ने कंपनी को डीपीआर और प्रोजेक्ट बनाने की अनुमति दे दी है। पूर्व मध्य रेलवे के अधीन बनने वाले पुल के साथ कुल 32 किलोमीटर की रेल लाइन बिछाई जाएगी। पुल का एक छोर विक्रमशिला और दूसरा नवगछिया-कटिहार रेलखंड के कटरिया स्टेशन के पास मिलेगा। इसके जरिये कोसी-सीमांचल का सीधा संपर्क पूर्व बिहार से होगा। पुल निर्माण से भागलपुर से दिल्ली-हावड़ा रेलखंड का भी जुड़ाव होगा।
नए पुल के बाद कई रेल लाइनें जुडेंगी : पुल बनने से भागलपुर का सीधा कोसी और सीमांचल से रेल संपर्क जुड़ जाएगा। 32 किलोमीटर नई रेल लाइन नवगछिया-कटिहार लाइन, भागलपुर-हावड़, हंसडीहा की तरफ भागलपुर-दुमका रेल लाइन और मोहनपुर के पास देवघर-दुमका लाइन में मिलेगी।
चार साल पहले बजट में मिली थी स्वीकृति
इस पुल की स्वीकृति 2016-17 के रेल बजट में मिली थी। इसके अगले साल इसके लिए सर्वे कराया गया। पुल के निर्माण पर दो हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने इस पुल का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड की बैठक में दिया था। इसके बाद इसकी स्वीकृति मिली थी। सांसद ने बताया कि राइट्स कंपनी जल्द ही पुल का काम शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि रेलवे की योजनाओं को लगातार यहां धरातल पर उतारा जाएगा। जिससे लोगों को राहत मिलेगी।