नेपाल के नए राजस्व कानून से प्रभावित होगा भारतीय बाजार, नए कानून पर नेपाल सरकार ने लगाई मुहर

नेपाल के नए राजस्व कानून से भारतीय बाजार प्रभावित होगा। नए कानून पर नेपाल सरकार ने लगाई मुहर। 2015-16 में भंसार स्तर लागू था शुल्क बाद में कार्रवाई पड़ी शिथिल। इस बार कानून पर नेपाल सरकार ने लगाई मुहर।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 07:09 PM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 07:09 PM (IST)
नेपाल के नए राजस्व कानून से प्रभावित होगा भारतीय बाजार, नए कानून पर नेपाल सरकार ने लगाई मुहर
नेपाल में बार्डर के पास भंसार कटाने के लिए कतार में लगवाते नेपाल आम्र्स फोर्स के जवान।

जोगबनी (अररिया) [अशोक झा]। विराटनगर सीमा शुल्क कार्यालय ने राजस्व कर के अनिवार्य भुगतान के नियम को फिर से लागू करने का निर्णय लेते हुए भंसार कार्यालय के बाहर नोटिस चिपका दिया है। इसके तहत 100 रुपये से अधिक के सामान की भारत से खरीदारी कर ले जाने पर अनिवार्य शुल्क देना होगा।

भारतीय बाजार में कम कीमत में दैनिक उपभोग की वस्तुओं के मिलने के कारण हजारों लोग प्रतिदिन खरीदारी करने के लिए विराटनगर से भारत आते हैं। नेपाल के व्यापारियों का तर्क है कि नेपाली ग्राहकों के भारतीय बाजार में आकर खरीदारी करने से नेपाली बाजार प्रभावित हो रहा है। सीमा शुल्क नियमों के अनुसार सीमा शुल्क कार्यालय, रानी ने यात्री शाखा के माध्यम से 100 रुपये से अधिक के माल पर अनिवार्य राजस्व भुगतान करने के नियम को कड़ा कर दिया है। ये शुल्क अलग-अलग वस्तुओं पर पांच से 20 प्रतिशत के हिसाब से लगाए गए हैं। कई चीजों में 35 प्रतिशत भी शुल्क लगाया गया है। कानून का कोई उल्लंघन कर चोरी-छिपे ना निकल जाए, इस कारण सीमा से लेकर भंसार क्षेत्र तक जगह-जगह नेपाल सशस्त्र बल एवं पुलिस की तैनाती थी।

अर्थ व वाणिज्य मंत्री से मोरंग व्यापार संघ ने की शिकायत : शनिवार को विराटनगर आए नेपाल के अर्थ व वाणिज्य मंत्री जनार्दन शर्मा से मोरंग व्यापार संघ के अध्यक्ष प्रकाश मुंदरा ने मिलकर शिकायत की थी। कहा था कि लोग दैनिक उपभोग की चीजें भारत से खरीद लेते हैं। इस कारण नेपाल के व्यापारियों को नुकसान हो रहा है। इस कारण व्यापारियों को राजस्व भुगतान में परेशानी हो रही थी। पूर्व के राजपत्र को बहाल करने की मांग पर मंत्री द्वारा उक्त कदम उठाया गया है। पूर्व में भी 2015-16 में भंसार स्तर पर भंसार प्रमुख ने यह शुल्क लगाया था। उस समय सीमा शुल्क 10 प्रतिशत ही था। बाद में यह कानून शिथिल पड़ गया।

कृषि से सबंधित उत्पादों चावल, दाल या सब्जी आदि के लिए राजस्व पांच से 25 प्रतिशत तक है। इसमें कुछ जटिलता भी है। वह यह कि कृषि से संबंधित सामग्री का प्लांट क्वारंटाइन प्रमाण-पत्र आवश्यक है। कपड़ों पर 20 से 35 प्रतिशत तक राजस्व, चीनी प्रतिबंधित माना गया है। इस कारण इसपर 12 रुपये प्रति किलो की दर से तथा बिस्कुट आदि में 35 प्रतिशत राजस्व लग रहा है।

इस सबंध में सीमा पर तैनात नेपाल सशस्त्र बल के निरीक्षक मौसम पोखरेल ने बताया कि सरकार द्वारा सौ रुपये से अधिक मूल्य पर राजस्व को लेकर जो नये कानून को लागू किया गया है, उसका सक्रियता से पालन किया जा रहा है।

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