सब्जियों की बढ़ती कीमत बिगाड़ रही जायका, बैगन और भिंडी भी बिक रहा 50 के भाव

हाल के दिनों में सब्जी की कीमत में तेजी से बढ़ौतरी हुई है। इससे लोग परेशान हैं। सब्जियों की बढ़ती कीमत ने जायका बिगाड़ कर रख दिया है। बैगन और भिंड़ी की कीमत भी अभी 50 रुपये किलो है।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 02:48 PM (IST) Updated:Sat, 31 Oct 2020 02:48 PM (IST)
सब्जियों की बढ़ती कीमत बिगाड़ रही जायका, बैगन और भिंडी भी बिक रहा 50 के भाव
बाजार में औसतन सभी स‍ब्जियों की कीमत 50 से 60 रुपये किलो है।

सुपौल, जेएनएन। सब्जी नहीं रहने के कारण खाने का स्वाद भी बिगडऩे लगा है। सब्जियों के दाम आसमान पर होने के कारण आमलोग महंगाई की मार से त्रस्त हैं। सब्जियों के दाम में एकाएक उछाल आने से आम आदमी अब सब्जियों को कम ही मात्रा में खरीदने पर मजबूर हैं। सब्जी में तड़का लगाने के लिए प्रयोग किए जाने वाले प्याज से लेकर लौकी तक के दामों में उछाल आ गया है। ऐसे में आम आदमी को सब्जी खरीदने से पहले कई बार सोचना पड़ रहा है। इसके पीछे का कारण सब्जियों की सप्लाई कम होना बताया जा रहा है। मंडी में आवक कम होने के कारण इनकी कीमत हर दिन बढ़ रही है। ऐसे में लोगों की थाली से सब्जी गायब होने लगी है। करेला तो करेला, अब तो ङ्क्षभडी का स्वाद भी लोगों को कड़वा लगने लगा है। एक पखवाड़े से अचानक सब्जियों के दाम में हुई बढ़ोतरी से लोग परेशान हैं। वैसे तो बरसात के मौसम की शुरुआत के साथ ही हरी सब्जियों की कीमत बढ़ोतरी प्रारंभ हो गई थी लेकिन हाल के समय में इसकी कीमतें और बढ़ गई है। वर्तमान समय में बाजार में कोई भी हरी सब्जी 50 रुपये प्रति किलोग्राम से नीचे नहीं है। बाजार में 50 से 60 रुपये किलो बैगन और भिंडी 50 रुपये किलो के दाम सुन कर ही सब्जी खरीदने मंडी जाने वाले लोगों के होश उड़ जाते हैं। इस समय बाजार में गोभी 120 रुपये तो परवल 80 से 100 रुपया किलो बिक रहा है। सब्जी के स्वाद में तीखापन लाने के काम आने वाली मिर्च की कीमत सब्जियों के स्वाद को फीका कर दे रही है। बाजार में शिमला मिर्च के साथ ही हरी मिर्च एक सौ रुपये किलो पहुंच गई है। जबकि आलू व प्याज की कीमत में भी हर दिन उछाल हो रहा है। सब्जी व्यवसायियों की मानें सब्जियों की कीमत में अभी और उछाल आने के आसार हैं। सब्जी की कीमत में लगातार उछाल के कारण रसोई का जायका भी बिगड़ता जा रहा।

भाव आसमान पर

सब्जी मंडी में टमाटर 80 से 90 रुपये किलो, आलू 40, ङ्क्षभडी 60 से 65, परवल 80, कद्दू 50, पालक 40, साधारण हरी मिर्च 100, बोरा 50 रुपये, करेला 60 और प्याज 70, बंद गोभी 80 रुपये प्रति किलो के आसपास है।

गृहणी रेणु देवी, सावित्री देवी, श्यामवती देवी आदि का ने बताया कि दिनभर मजदूरी करने पर बमुश्किल ढाई सौ रुपये मिलते हैं। इस महंगाई में सब्जी खरीदना मुश्किल हो गया है। बताया कि सब्जियों के बढ़ते दाम के कारण सब्जी खाना मुश्किल हो गया है। आसमान छू चुकी सब्जी की कीमत के कारण गरीबों की थाली से सब्जी गायब हो रही है।

सीपेज प्रभावित इलाके में नहीं हो सकी सब्जी खेती

प्रखंड क्षेत्र के सीपेज से प्रभावित इलाके में भी इस बार सब्जी की खेती बुरी तरह से प्रभावित हुई है। लगातार पानी भरे रहने के कारण किसान सब्जी की खेती नहीं कर पाए हैं। इस कारण बाजारों में सब्जी की कमी दिखाई देती है।

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