सीमांचल में शराब लदे वाहन की रेकी कर सीमा पार कराने के लिए दो दर्जनों लोगों को मास्टमाइंड मुर्शीद ने किया गया था तैनात

सीमांचल में शराब की तस्करी बड़े पैमाने पर की जा रही थी। शराब सप्लाई करने वाले सबसे बड़े माफिया मुर्शीद किसी कंपनी से कम नहीं था। मुर्शीद दालकोला क्षेत्र के कई लोगों से बिहार में शराब तस्करी के कारोबार से जोड़कर रोजगार मुहैया कराए हुए था। साथ ही...

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Thu, 02 Dec 2021 09:54 AM (IST) Updated:Thu, 02 Dec 2021 09:54 AM (IST)
सीमांचल में शराब लदे वाहन की रेकी कर सीमा पार कराने के लिए दो दर्जनों लोगों को मास्टमाइंड मुर्शीद ने किया गया था तैनात
सीमांचल में शराब की तस्करी बड़े पैमाने पर की जा रही थी।

किशनगंज [शैलेश]। बंगाल से बिहार में शराब सप्लाई करने वाले सबसे बड़े माफिया मुर्शीद किसी कंपनी से कम नहीं था। एक ओर जहां उसका मासिक टर्न ओवर कई लाखों में था वहीं कई लोगों को शराब तस्करी के कारोबार से जोड़कर रोजगार भी दे रखा था। उसकी गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में लगातार खुलासे हो रहे हैं। अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार मुर्शीद दालकोला क्षेत्र के कई लोगों से बिहार में शराब तस्करी के कारोबार से जोड़कर रोजगार मुहैया कराए हुए था। इससे एक तरफ जहां उसका व्यापार सही तरीके से चल रहा था वहीं उसे स्थानीय लोगों का सपोर्ट रहता था।

बताया जाता है कि एक तरफ मुर्शीद जहां नकली शराब बनाने के कारण में कई पुरुष एवं महिलाओं को लगाए हुए था। वहीं सप्लाई के लिए ट्रक पर शराब लोड होने के बाद बिहार सीमा पार कराकर बिहार के तस्करों से जुड़े सदस्यों के हवाले तक करने में दर्जनों लोगों को लगाए हुए था। बिहार में मुर्शीद का शराब पूर्णिया, किशनगंज और कटिहार और अररिया के रास्ते से अन्य जिलों के लिए जाता था। ऐसे में मुर्शीद के लोग किशनगंज, पूर्णिया, अररिया के सीमा क्षेत्र में रेकी कर शराब लदे ट्रकों को पास कराता था। शराब की खेप सीमा पार कराने के एवज में ऐसे लोगों को मुर्शीद ट्रिप के हिसाब से भुगतान करता था। ऐसे लोग दिनभर बंगाल से जुड़े किशनगंज सड़क लेकर पूर्णिया और अररिया रूट के सड़कों पर भागदौड़ करते रहता था। ट्रक पास कराने के साथ-साथ क्षेत्र की एक-एक गतिविधि आका बनकर बैठे मुर्शीद तक पहुंचाता था।

पुलिस को सूचना देकर माल पकड़वाने का भी करता था काम::

शराब तस्करी को लेकर क्षेत्र में रेकी करने वाले मुर्शीद का गुर्गा किसी दूसरे लोगों की शराब की खेप इलाके से गुजरने पर पुलिस को सूचना देकर पकड़वाने का काम भी करता था। ताकि हर कोई मुर्शीद से संपर्क कर बिहार में शराब की खेप ले जाए। मुर्सीद बिहार में शराब सप्लाई का ङ्क्षकग बना हुआ था। जो बिहार से सटे सीमा के सभी सड़कों पर नजर रखता था और बिना उसके सूचना के शराब तस्करी होने पर पूर्णिया, किशनगंज, अररिया जिला के पुलिस और मद्य निषेध टीम को सूचना देकर माल पकड़वा देता था। वहीं सीमावर्ती क्षेत्र से सटे पूर्णिया, किशनगंज और अररिया जिला में मुर्शीद के गुर्गे का पड़ाव रहता था जो निगरानी के साथ ट्रक पास करवाने में मदद करता था।

जीपीएस के जरिए मुर्शीद देखता रहता था गाड़ी का लोकेशन

शराब सप्लायर मुर्शीद से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि वह अपने टीम में तकनीकी दक्ष लोगों को भी रखता था। मिली जानकारी के अनुसार ऐसे तकनीकी लोग शराब लदे वाहन के जीपीएस को ट्रैक कर उसे सारी सूचना देते रहता था। गाड़ी का खेप कहां है अगर कहीं शराब सहित गाड़ी पकड़ा जाता था तो इसकी सूचना भी जीपीएस एवं तकनीकी माध्यम से मुर्शीद को पता चल जाता था। फिर वह पुलिस के जांच पड़ताल से पहले अलर्ट हो जाता था जिस कारण उस तक पहुंचने में पुलिस को लंबा समय लगा।

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