सहरसा में जज साहब की खूब हो रही चर्चा... मासूम को अपनों से मिलवाया, कपडें, जूते और मिठाई भी दिए
सहरसा में एक जज साहब की खूब चर्चा हो रही है। उन्होंने रोड किनारे भटकते एक मासूम को न केवल उसके परिवार वालों से मिलवाया बल्कि उसके चेहरे में खुशियांं भी ला दी। साथ ही उन्होंहों इस संबंध में...!
संस, सहरसा। सहरसा में जज साहब की खूब चर्चा हो रही है, और हो भी क्यूं नहीं? उन्होंने सड़क किनारे भटकते एक मासूम को न केवल अपनों से मिलवाया, बल्कि उसके चेहरे पर मुस्कानी भी लौटा दिया।
दरअसल, शुक्रवार को सुधार गृह मधेपुरा के निरीक्षण के लिए जा रहे सहरसा जिला न्यायालय के अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सह किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी मनीष कुमार ने रास्ते में भटकते एक सात वर्षीय मासूम को उसके घर भिजवाया। मानवता की मिसाल पेश करते हुए उन्होंने अपने पैसे से मासूम को कपड़े, चप्पल एवं खाने-पीने का सामान भी दिया। बाद में ग्वालपाडा थानाध्यक्ष को बुलवाकर मासूम को उसके माता-पिता को सौंपने का निर्देश देकर उनसे प्रतिवेदन तलब किया है। बच्चे को एक लड़की जबरन बस से अन्यत्र ले जा रही थी।
बैजनाथपुर के पास भटकता मिला बच्चा
अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी किशोर न्याय परिषद के सदस्य अरङ्क्षवद कुमार झा, विधि सह परिविझा पदाधिकारी रंजीव कुमार एवं सहायक विकास कुमार मिश्रा के साथ करीब दो बजे दिन में सुधार गृह मधेपुरा के निरीक्षण के लिए जा रहे थे। बैजनाथपुर से आगे पेट्रोल पंप के पास दंडाधिकारी ने मासूम को रोते-बिलखते देखा।
मधेपुरा का रहने वाला है बच्चा
अपनी गाड़ी रुकवाकर उन्होंने उससे नाम पता पूछा तो उसने अपना नाम शिवनंदन कुमार, उम्र सात वर्ष पिता का नाम घूरन मुखिया, ग्राम बिसबाडी, थाना ग्वालपाडा, जिला मधेपुरा बताया। पूछने पर मासूम ने न्यायाधीश को बताया कि उसे एक लड़की जबरदस्ती बस में बिठाकर ले जा रही थी। बैजनाथपुर में बस रुकी तो वह चुपचाप बस से उतरकर भागकर पेट्रोल पंप के पास आकर रोने लगा। जिसपर जज की नजर पड़ी और उसे बचा लिया। उनके इस पहल की अब हर तरह चर्चा हो रही है।