Bhagalpur: डीएसपी कार्यालय में तैनात चौकीदार के पुत्र ने गोली मारकर की आत्महत्या, देसी कट्टा और 17 कारतूस बराम

भागलपुर में मानसिक रूप से बीमार युवक ने खुद को कमरे बंद कर आत्महत्या कर ली। इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव के पास से देसी पिस्टल समेत 17 कारतूस बरामद किए हैं। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 12:46 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 12:46 PM (IST)
Bhagalpur: डीएसपी कार्यालय में तैनात चौकीदार के पुत्र ने गोली मारकर की आत्महत्या, देसी कट्टा और 17 कारतूस बराम
बरामद हुआ देसी पिस्टल और 17 जिंदा कारतूस

जागरण संवाददाता, भागलपुर। सोमवार को प्रखंड के भवानीपुर ओपी क्षेत्र के नगरपारा गांव में एक युवक ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। शाम तकरीबन 5 बजे हुई इस घटना के बाद इलाके में सनसनी का माहौल कायम हो गया। वहीं, युवक के पिता नवगछिया डीएसपी कार्यालय में तैनात हैं।

नवगछिया डीएसपी कार्यालय में कार्यरत नगरपारा गांव के चौकीदार गुलाब पासवान के 22 वर्षीय पुत्र भवदेव कुमार ने अपने घर नगरपारा में बंद कमरे में दाहिने कनपट्टी में गोली मारकर आत्महत्या कर ली। परिजनों ने जैसे ही गोली चलने की आवाज सुनी वे कमरे की ओर दौड़ पड़े। वहीं, जब दरवाजा नहीं खुला तो आनन-फानन में पुलिस को सूचना दी गई।

मौके पर पहुंची भवानीपुर पुलिस ने खिड़की के रास्ते से कमरे में प्रवेश किया। वहीं, कमरे में भवदेव का लहुलूहान शव पड़ा हुआ था।  पुलिस ने शव को कब्जे में लेते हुए पूरे कमरे की पड़ताल की। इस दरम्यान पुलिस को कमरे से लोडेड देसी पिस्टल व 17 कारतूस मिले।

मृतक के पास से सिगरेट, माचिस, मोबाइल भी बरामद किया गया है। पिता गुलाब पासवान की मानें, तो भवदेव मानसिक रूप से बीमार था। उसका इलाज राांची में कराया जा रहा था। अपनी इस बीमारी के चलते वो आए दिन घर में हंगामा करता था, सोमवार के दिन भी उसने घर में हंगामा किया और उसके बाद कमरे में चला गया और खुद को लॉक कर लिया। वहीं, कुछ देर बाद उसने गोली मारकर आत्महत्या कर ली। 

गुलाब ने बताया कि जैसे ही घर वालों ने बताया कि उसका पुत्र हंगामा कर रहा है, वो घर जा पहुंचे लेकिन उससे पहले ही पुत्र ने कमरे को अंदर से बंद कर लिया था। गुलाब ने ही भवानीपुर पुलिस को सूचना दी। भवानीपुर ओपी अध्यक्ष रमेश कुमार साह ने ग्रामीणों की मौजूदगी में दरवाजा को खोला तो पाया कि भवदेव का शव खून से लथपथ है। खून कमरे से बाहर भी आ गया था। भवदेव की मौत पर पिता गुलाब, माता राधा देवी का रो-रोकर बुरा है। 

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