गेहूं की बुआई में खाद की किल्‍लत बन रही बाधक, सुपौल के सरायगढ़-भपटियाही के किसान परेशान

गेहूं की बोआई में किसानों के लिए खाद बाधक बन रही है। सुपौल में तटबंध के बाहर 15 नवंबर से 15 दिसंबर के बीच तक गेहूं की बुआई चलती है। लेकिन इस बार कोसी के किसानों को भारी नुकसान होने की संभावना है।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 03:26 PM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 03:26 PM (IST)
गेहूं की बुआई में खाद की किल्‍लत बन रही बाधक, सुपौल के सरायगढ़-भपटियाही के किसान परेशान
गेहूं की बोआई में किसानों के लिए खाद बाधक बन रही है।

संवाद सूत्र, सरायगढ़ (सुपौल)। सरायगढ़-भपटियाही प्रखंड क्षेत्र के किसानों की सबसे महत्वपूर्ण खेती गेहूं की बुवाई इस बार संकट में दिखाई दे रही है। गेहूं बुवाई के लिए भपटियाही बाजार में रासायनिक खाद नहीं मिलने से किसान परेशान हो उठे हैं। प्रखंड के कोसी नदी से प्रभावित इलाके में नवंबर माह में गेहूं की बुवाई समाप्त हो जाया करती है। तटबंध के बाहर 15 नवंबर से 15 दिसंबर के बीच तक गेहूं की बुआई चलती है। लेकिन इस बार कोसी के किसानों को भारी नुकसान होने की संभावना है।

भपटियाही बाजार स्थित खाद विक्रेताओं के यहां खाद उपलब्ध नहीं है। कुछ विक्रेता के यहां सोमवार के दिन मिक्चर खाद उपलब्ध हुआ है तो किसान उसे खेतों में डालना नहीं चाहते हैं। गेहूं खेती के लिए किसान डीएपी पारस खाद को उत्तम मानते हैं और प्रतिवर्ष उसका उपयोग करते रहे हैं। लेकिन इस बार डीएपी खाद उपलब्ध ही नहीं हो पा रही है। विक्रेताओं के यहां पहले से जो खाद उपलब्ध थी उसे किसानों के बीच बेच दिया गया।

धान की कटनी होते ही किसान अपने खेतों को तैयार कर बैठे हैं। पिछले 30 दिनों से किसान खाद विक्रेताओं के यहां आकर खाली हाथ लौट जा रहे हैं। कई किसानों ने बताया कि यदि उनलोगों को अब भी रासायनिक खाद उपलब्ध नहीं होती है तो खेती पीछे पड़ जाएगी। खासकर कोसी नदी से प्रभावित इलाके में तो किसानों के लिए एक सप्ताह के अंदर गेहूं बोने आवश्यक हो गया है। तटबंध के बाहर भी 10 नवंबर तक किसान गेहूं बुवाई कर निङ्क्षश्चत हो जाया करते थे। अबकी बार किसान कभी भपटियाही बाजार तो कभी जगह-जगह के दुकानों पर पहुंचकर खाद की खोज करने में लगे हैं।

अंदौली बाजार में खाद विक्रेता करे मनमानी

सरायगढ़ भपटियाही प्रखंड से सटे दक्षिण अंदौली बाजार में खाद विक्रेताओं द्वारा रासायनिक खाद की मनमानी कीमत वसूले जाने का मामला सामने आ रहा है। जानकारी देते कई किसानों ने बताया कि मिक्सचर खाद तथा डीएपी खाद की बोरी पर लिखे दाम से भी अधिक दाम लिया जा रहा है। किसानों का कहना है कि अंदौली बाजार में कुछ विक्रेताओं ने खाद को गोपनीय तरीके से रख लिया है और जो मनमानी कीमत देते हैं उसको ही दिया करते हैं। हालांकि विक्रेता इस बात को गलत बता रहे हैं। विक्रेताओं का कहना है कि उनलोगों को भी ऊपर से ही खाद उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है।

बोले प्रखंड कृषि पदाधिकारी

प्रखंड कृषि पदाधिकारी मिथिलेश कुमार ने बताया कि भपटियाही बाजार के खाद विक्रेताओं के यहां मिक्सचर खाद उपलब्ध कराया जाने लगा है। सोमवार को कुछ खाद उपलब्ध हुआ है। प्रखंड के किसानों की आवश्यकतानुसार खाद उपलब्ध कराया जाएगा। किसानों को मिक्सचर खाद खेतों में डालना चाहिए।

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