घरवालों ने ठुकराया तो प्रेमी जोड़े ने यहां रचा ली शादी, जानिए... पूरा माजरा, ग्रामीणों ने दिया कुछ इस तरह साथ
ग्रामीणों के सहयोग से पूरे रस्मों रिवाज से शिव मंदिर में हुई शादी हुई। असरगंज के सियाडीह की की रहने वाली है प्रेमिका और किरनपुर के चिरैया गांव का रहने वाला है प्रेमी। घर वालों के ठुकराने के बाद दोनों प्रेमी जोड़ों ने यह फैसला कर लिया।
जागरण संवाददाता, भागलपुर । यूं तो आजकल कई जगह प्यार के दुश्मन देखने को मिल जाते है, लेकिन कुछ लोग इसे ईश्वर की देन समझ स्वीकार भी करते है। इसी प्रकार मंगलवार को सुबह करीब दस बजे अकबरनगर बाजार स्तिथ शिव मंदिर में एक प्रेमी जोड़े ने ग्रामीणों के सहयोग से शादी रचा ली। कहा घर वालों के ठुकराने पर एक साथ जीने मरने के लिया यह फैसला। दोनों ने बताया कि यह प्रेम की जीत है।
मंगलकामनाओं के साथ दिया वर-बधु को आशीर्वाद
ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों के सहयोग से हुई इस शादी समारोह में सैकड़ों के तादाद में लोग शामिल हुए। और मंगलकामना के साथ वर-वधु को आशीर्वाद दिया। जानकारी के अनुसार प्रेमी किरनपुर के चिरैया व प्रेमिका असरगंज के सियाडीह गांव के रहने वाली है। प्रेमी छोटू व प्रेमिका मोनी कुमारी दोनों पढ़ाई कर रहे है। मंगलवार को अकबरनगर के शिव मंदिर पहुचने पर दोनों ने ग्रामीणों के समक्ष शादी करने की इच्छा जताई। जिसके बाद दोनों का हिन्दु रीति-रिवाज से विवाह कराया गया। शादी समारोह के दौरान भाजपा नेता लाला साह, अमित कुमार गुप्ता, वार्ड सदस्य बंटी कुमार, श्रवण कुमार भी मौजूद थे।
आपसी रजामंदी से कराई गई शादी
ग्रामीणों एवं जनप्रतिनिधियों ने बताया कि यह शादी आपसी रजामंदी से हुई है। दोनों के बीच विगत कई वर्षो से प्रेम संबंध था। फिर लड़का-लड़की के सुखद दांपत्य जीवन के लिए इस तरह का कदम उठाया गया और शुभ मुहूर्त में हिन्दु रीति-रिवाज से विवाह कराया गया है। इस दौरान मंदिर परिसर में ग्रामीणों की काफी भीड़ जमा हो गई। सभी प्रेमी जोड़े की शादी देखने के लिए उत्साहित थे।
प्रेमी युगल ने कहा वर्षों से एक दूसरे से करते आ रहे हैं प्यार
ग्रामीणों ने बताया कि इस मंदिर में कई दफा प्रेमी जोड़े की शादी रीति रिवाज के साथ हो चुकी है। वर वधु अपने इष्ट से आशीर्वाद लेकर वैवाहिक जीवन व्यतीत करते हैं। हालांकि प्रेमी जोड़े ने अन्य जानकारी नहीं दी लेकिन यह बताया कि वे कई वर्षों से एक दूसरे से प्यार करते हैं, लेकिन माता-पिता ने उनलोगों की बात नहीं मानी, जिसके कारण उन्हें घर से भागना पड़ा और मजबूरी में मंदिर में शादी करनी पड़ी।