शराब नहीं तो क्या बिहार में सबसे ज्यादा बिकता है Cough Syrup! पूर्ति के लिए मधेपुरा में तैयार किए जा रहे डिलीवरी ब्वाय

बिहार में शराबबंदी के बाद शराब की बरामदगी होती रही। लेकिन अभी हाल-फिलहाल में फिर से सख्ती बढ़ी तो कफ सिरप की डिमांड बढ़ गई। नशेबाज अब अपनी तलब मिटाने के लिए Cough Syrup का प्रयोग कर रहे हैं।

By Shivam BajpaiEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 09:15 AM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 09:15 AM (IST)
शराब नहीं तो क्या बिहार में सबसे ज्यादा बिकता है Cough Syrup! पूर्ति के लिए मधेपुरा में तैयार किए जा रहे डिलीवरी ब्वाय
Cough Syrup की बढ़ी डिमांड-पीकर नशेबाज खुद को रहे झूमा।

संवाद सूत्र, मधेपुरा : 16 नवंबर के बाद सीएम के जारी आदेश के बाद प्रशासन व पुलिस शराब तस्करों व पियक्कड़ों पर अधिक सख्ती में जुटी है। अपराध के श्रेणी में आने वाले हत्या, लूट, डकैती की घटनाओं को छोड़ थानाध्यक्ष से लेकर चौकीदार तक शराब तस्करों के पीछे पड़ गए हैं। आलम यह है कि पियक्कड़ अब शराब के बदले प्रतिबंधित कफ सिरप से अपनी नशे की प्यास बुझा रहा है।

पुलिस के डर से पियक्कड़ सार्वजनिक स्थानों को छोड़ सरकारी कार्यालय परिसरों को नशापान का महफूज ठिकाना बना लिया है। जब इसकी तहकीकात की तो पता चला कि एसडीओ कार्यालय समेत अन्य कार्यालय के पीछे सुनसान जगह पर प्रतिबंधित कफ सिरप का सेवन किया जा रहा है। इसकी गवाही वहां पड़े प्रतिबंधित कफ सिरप के खाली पड़ी बोतल दे रही है। इस संबंध में पदाधिकारियों का कहना है कि कार्यालय बंद होने के बाद सुनसान स्थान का फायदा उठाकर पियक्कड़ प्रतिबंधित सिरप पीकर खाली बोतल फेंक देता है।

जिले में सक्रिय है तस्करों का सिंडिकेट

प्रतिबंधित कफ सिरप की तस्करी सिंडिकेट के जरिए भारी पैमाने पर होती है। तस्करी के लिए कोड वर्ड का उपयोग किया जाता है। इतना ही नहीं इसके लिए विधिवत डिलीवरी एजेंट के रूप में दर्जनों युवाओं की भर्ती की गई है। जिसे अच्छी खासी रकम भी दी जाती है। सिरप बस द्वारा पटना से चलकर मधेपुरा तक आता है और रास्ते में ही उसे बस से उतारकर गंतव्य स्थान तक पहुंचा दिया जाता है।

दो माह में 1222 बोतल कफ सिरप ही हुई है बरामदगी

उत्पाद विभाग के आंकड़े बताते हैं कि अक्टूबर व नवंबर माह में उत्पाद विभाग ने विभिन्न स्थानों पर छापेमारी कर कुल 1222 बोतल प्रतिबंधित कफ सिरप बरामद की है। छापेमारी के दौरान उत्पाद विभाग की टीम ने इस दौरान चार तस्कारों को तो गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन दर्जनों तस्कर व एजेंट अभी भी पुलिस पहुंच से से बाहर है।

'प्रतिबंधित कफ सिरप तस्कारों पर विभाग की पूरी नजर है। यही कारण है कि लगातार की जा रही छापेमारी में प्रतिबंधित कफ सिरप की जहां बरामगदी हो रही है वहीं तस्कर भी पकड़ा जा रहा है।'- सुरेंद्र प्रसाद

उत्पाद अधीक्षक, मधेपुरा

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