फूलों से खेले हमर ललनवा .. पर झूमे लोग
भागलपुर। मंजूषा महोत्सव में मंगलवार को मंच पर प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना लावण्या राज और उनके साथियों ने बेहतर प्रस्तुति दी।
भागलपुर। मंजूषा महोत्सव में मंगलवार को मंच पर प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना लावण्या राज और उनके साथियों ने अपनी प्रस्तुति से शमां बांध दिया। लखनऊ घराना के पारंपरिक कथक नृत्य से लावण्या ने कार्यक्रम की शुरुआत की। गुरू ब्रह्मा गुरू विष्णु, गुरु देवो महेश्वरा गुरु साक्षात परब्रह्म, तस्मै श्री गुरुवे नम: की प्रस्तुति के दौरान लावण्या की हर मुद्रा पर दर्शकों ने तालियां बजा कर हौसला अफजाई की। इसके बाद नृत्य तीनताल की प्रस्तुति से लोगों का दिल जीत लिया। जिसमें थाट, उठान, आमद, तोड़ा, टुकड़ा, तिहाई, प्रमेलु , परण आदि की प्रस्तुति हुई। तबले घुंगरू का सवाल जवाब के दौरान कार्यक्रम स्थल तालियों से गूंज उठा। जैसे जैसे शाम ढल रहा था, वैसे वैसे संगीत की महफिल परवान चढ़ रही थी। लावण्या के नेतृत्व में कलाकारों ने वाल्मिकी ने रची रामायण, जाने सब संसार, यह है मेरा बिहार पर नृत्य प्रस्तुत कर बिहार के गौरव का बखान किया, तो दर्शकों का उत्साह सातवें आसमान पर पहुंच गया। जट-जटिन पर प्रस्तुत नृत्य नाटिका जब जब टीका मांगलियो जटवा, टीका काहै नय लान लियै, सास ननद और भौजाई की नोंकझोंक आदि भी सराही गई। निहारिका और रंजीत कुमार के नेतृत्व में उनके साथियों ने शिव तांडव स्त्रोत पर आधारित भाव नृत्य प्रस्तुत कर तालियां बटोरी। कार्यक्रम का समापन लावण्या ने ठुमरी छोड़ो छोड़ो डगरिया श्याम पर नृत्य की प्रस्तुति से की।
तबले पर राजेश कुमार सिंह , गायन तथा हारमोनियम पर कमलेश कुमार, बोल पढंत पर राजीव रंजन ने किया। बताते चलें कि वर्ग नौंवीं की छात्रा लावण्या इससे पहले बौद्ध महोत्सव, देव महोत्सव, जानकी महोत्सव, थावे महोत्सव, कोशी महोत्सव आदि में अपनी प्रस्तुति दे चुकी है। उद्घोषक की भूमिका में अजय अटल थे। इस अवसर पर नागरिक विकास समिति के जियाउर रहमान, रमण कर्ण, मनोज पंडित, श्वेता सिंह, श्वेता सुमन, जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक रामशरण राम, क्लस्टर प्रभारी जियाउल हसन, कार्यक्रम प्रभारी मुनव्व्रर , अविनाश, रश्मि आदि मौजूद थे।