इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए अंकुरित अनाज का करें सेवन, ड्राइफ्रुट की जगह खाएं सीजनल फल, और भी बहुत कुछ, जान लें
How to increase immunity हर व्यक्ति अपना रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) सिस्टम ठीक रखना चाह रहा है। इसके लिए सही जानकारी होना जरुरी है। तुलसी व काली मिर्च का सेवन करने से भी शरीर में बनी रहेगी इम्यूनिटी।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। कोरोना वायरस के कारण लोगों का झुकाव आयुर्वेद की ओर बढ़ा है। हर व्यक्ति अपना इम्यूनिटी सिस्टम ठीक रखना चाह रहा है। लेकिन सही जानकारी नहीं रहने से फायदा नहीं मिल पा रहा। पर्याप्त पौष्टिक आहार लेने के बावजूद शरीर कमजोर रह जा रहा है। भोजन करने का सही तरीका मालूम नहीं रहने से लोग लाभ से वंचित रह जाते हैं।
देशी दवाखाना के वैद्य देवेंद्र कुमार गुप्ता बताते हैं कि हमें बीमारी की नहीं बल्कि स्वास्थ्य की चिंता करनी चाहिए। शरीर में सेल्फ इम्यूनिटी विकसित हो, इसके लिए प्रयास करना चाहिए। कृत्रिम (पैसिव) इम्यूनिटी शरीर के लिए घातक है। इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए अंकुरित अनाज का सेवन करें। ड्राइफ्रुट की जगह सीजनल फल खाएं। ड्राइफ्रुट खाना है तो उसे फूलाकर खाएं। रात में सादा भोजन लें। दूध का सेवन नहीं करें। रात में पाचन क्रिया सुस्त हो जाती है, इस कारण कोलेस्ट्रोल बढ़ता है। शाम में फल का सेवन नहीं करें। गोल मरीच व तुलसी का पत्ता अमृत के समान है। इसके नियमित सेवन से किसी भी तरह की बीमारी दूर रहती है।
भूख लगने पर करें भोजन
भूख लगने पर ही भोजन करना चाहिए। भूख लगने की दवा का सेवन कर करें। यह शरीर के लिए नुकसानदेह है। बीमार पडऩे पर भोजन हल्का कर दें। संभव हो तो उपवास कर लें। इससे हमारा लीवर स्टिम्युलेट कर शरीर से टाक्सिन को नेचुरल तरीके से बाहर निकाल देता है, जिसे डिटाक्सिफिकेशन कहते हैं। डिटाक्सिफिकेशन ही रक्त की शुद्धि है। यह मानव शरीर के गुर्दे, लीवर, त्वचा और फेफडें से विषाक्त पदार्थों को खत्म करने में हमारी मदद करती है।
इस तरह करें भोजन
भूख लगने पर खाएं, जो खाएं उसे चबाकर खाएं। दो भोजन के बीच में छह घंटे का अंतर रखें। एक चौथाई पेट खाली रखें। खाने के साथ पानी नहीं पीएं। खाने के एक घंटे बाद पानी पीएं। रात्रि में सोते समय दूध का सेवन नहीं करें। एक बार में अधिक प्रकार की चीजें नहीं खाएं। अधिक गरम मसाले, नमक, मिर्च व चटपटे भोजन खाने पर पानी पीना ही पड़ता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। सादा भोजन करने की आदत डालें।
अंकुरित अनाजों का करें सेवन
चना, मूंग, मूंगफली, मटर, गेहूं, उड़द, मसूर, मेथी, कुलथी, सोयाबीन को अंकुरित कर खाया जा सकता है। मौसमी फल व सब्जियां सुबह नाश्ता में लेने से बीमारी दूर भागती है। यह अमृत के समान पौष्टिक है।
अधिक खाने या जरूरत से अधिक पौष्टिक पदार्थों के सेवन से शरीर अधिक पुष्ट व बलवान नहीं होता है। इसके विपरीत पेट उसे पचा नहीं पाता है। इससे शरीर में तरह-तरह रोग उत्पन्न होते हैं। रोगों से बचाव के लिए मौसम के अनुकूल भोजन करना चाहिए। - देवेंद्र कुमार गुप्त, वैद्य, देशी दवाखाना