How to avoid Cybercrime: आनलाइन लेनदेन में बरतें सतर्कता, आखिर बंगाल के सिम कार्ड का ही क्यों होता है इस्तेमाल
How to avoid Cybercrime साइबर अपराध में सिम कार्ड की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। हाल में हुए अपराध में अधिसंख्य सिम कार्ड के लोकेशन नालंदा नवादा शेखपुरा व जामताड़ा में मिले।आनलाइन लेनदेन में सतर्कता बरतना काफी जरूरी। आठ महीने में 250 से अधिक लोगों को ठगा गया है।
भागलपुर [संजय सिंह]। साइबर ठगों ने पुलिस की नजर से बचने के लिए ठगी का एक अलग तरीका इजाद किया है। अब बिहार में बंगाल के सिम कार्ड के माध्यम से ठगी की जा रही है। पुलिस की जांच-पड़ताल के दौरान यह तथ्य सामने आया है कि पूर्व बिहार, कोसी और सीमांचल में ठगी के दौरान जिन सिम कार्डों का प्रयोग हुआ है, उनमें 70 फीसद बंगाल के हैं।
पिछले आठ महीने के दौरान 250 से अधिक लोगों को ठगा गया है। ठग इतने चालाक हैं कि यदि इनके फोन नंबरों की जांच ट्रू कालर द्वारा की जाती है तो ये नंबर कोविड 19 के हेल्पलाइन नंबर दिखते हैं। हाल ही में इशाकचक थाना क्षेत्र के निवासी विवेक कुमार विश्वकर्मा से 20 हजार रुपये की ठगी कोविड के नाम पर कर ली गई। ठग ने बताया कि वह डीएम कार्यालय से बोल रहा है। अनुदान की राशि उनके खाते में भेजी जानी है। विवेक इस दौरान ठग के झांसे में आ गए और मोबाइल फोन पर आए ओटीपी नंबर को बता दिया। इसके बाद खाते से पैसे गायब हो गए। बिहपुर की एक महिला से भी ठगों ने कोरोना की अनुदान राशि देने के नाम पर मोटी रकम उड़ा ली थी। हर महीने साइबर ठगी के लगभग 30 से 40 मामले पूर्व बिहार, कोसी और सीमांचल में आते रहते हैं। हैरानी की बात तो यह है कि ठगों ने एक जज के खाते से भी लगभग 27 हजार रुपये निकाल लिए थे। मामला हाई प्रोफाइल होने के कारण पुलिस लगी, तब उस ठग ने राशि वापस की। वह ठग दुमका का रहने वाला है।
अधिसंख्य मामलों में पुलिस मुकदमा दर्ज करने में आनाकानी करती है। ऐसी स्थिति में वरीय अधिकारियों से यदि संपर्क स्थापित कर उन्हें जानकारी दी जाए तो मामला दर्ज हो सकता है। ठगी के मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद ही राशि लौटने की उम्मीद रहती है। रिजर्व बैंक आफ इंडिया का यह प्रविधान है कि यदि ठगी के तीन दिन के अंदर शिकायत की जाती है तो बैंक अधिकारी आपस में मिलकर यह तय करते हैं कि खाताधारक की लापरवाही से तो पैसा नहीं गया है। यदि बैंक को लगता है कि खाताधारक की शिकायत सही है तो पैसा वापस हो सकता है।
:- बरतें ये सावधानियां
यदि कोई अनजान व्यक्ति सहायता के नाम पर आपसे संपर्क करता है तो उससे बचें। उससे आनलाइल लेनदेन ना करें। अगर बहुत जरूरी हो तो उस व्यक्ति का लाइव लोकेशन प्राप्त करें। - दीपक कुमार, साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट
राष्ट्रीय स्तर पर आनलाइन पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। वहां से संबंधित थाना क्षेत्रों को सूचना मिलती है। इसके बाद तत्काल कार्रवाई के लिए पुलिस कृतसंकल्पित है। हमारे पास डायरेक्ट शिकायत भी आती है तो पीडि़तों की एंट्री साइबर सेफ में भरकर टिकट जारी कर कार्रवाई की जाती है। किशनगंज में एक दर्जन से ज्यादा मामलों में पीडि़तों के पैसे वापस कराए जा चुके है। - कुमार आशीष, एसपी, किशनगंज।