सृजन घोटाला : प्रशासक की नियुक्ति कैसे हुई, सहकारिता देगा जवाब

प्रशासक के कार्यकाल का हर छह माह पर विस्तार भी किया जा रहा है। अब उनकी नियुक्ति किस नियमावली के तहत की गई है इसकी जानकारी जिला सहकारिता पदाधिकारी से मांगी गई है।

By Dilip ShuklaEdited By: Publish:Mon, 25 Feb 2019 02:00 PM (IST) Updated:Mon, 25 Feb 2019 07:04 PM (IST)
सृजन घोटाला : प्रशासक की नियुक्ति कैसे हुई, सहकारिता देगा जवाब
सृजन घोटाला : प्रशासक की नियुक्ति कैसे हुई, सहकारिता देगा जवाब

भागलपुर [जेएनएन]। सबौर स्थित सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड का कार्यालय ट्रायसेम भवन की लीज रद होने के बाद प्रशासक की नियुक्ति को लेकर पेंच फंस गया है। सहकारिता विभाग ने घोटाला उजागर होने और समिति की कार्यसमिति भंग होने के बाद वहां देखरेख की मंशा से प्रशासक की नियुक्ति की थी।

प्रशासक के कार्यकाल का हर छह माह पर विस्तार भी किया जा रहा है। अब उनकी नियुक्ति किस नियमावली के तहत की गई है, इसकी जानकारी जिला सहकारिता पदाधिकारी से मांगी गई है। अपर समाहर्ता राजेश झा राजा ने कहा कि डीसीओ से नियमों की जानकारी देने कहा गया है। एडीएम ने कहा कि लीज करना और रद करना, इसमें प्रशासन की भूमिका है। सीओ ने लीज किया है तो भूमि प्रशासन की है।

दो वर्षों से जमा नहीं हो रही किराये की राशि

ट्रायसेम भवन की जमीन की लीज का किराया 2400 रुपये था। सृजन की संचालिका मनोरमा देवी के कार्यकाल में वर्ष 2016 के मार्च माह तक किराया सरकारी कोष में जमा हुआ था। इसके बाद राशि जमा नहीं हुई। फरवरी 2019 में ट्रायसेम भवन की जमीन की लीज रद हुई है। करीब तीन वर्षों के राजस्व का चूना सरकार को लग गया है। लीज रद करने के बाद बकाये राशि का देनदार कौन होगा, इस पर मंथन चल रहा है। ट्रायसेम भवन की जमीन का किराया प्रतिमाह दो सौ रुपये था।

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