स्वास्थ्य केंद्रों में सर्दी-खांसी की भी दवा नहीं

भागलपुर। जिले के स्वास्थ्य केंद्रों का हाल खस्ता है। सदर अस्पताल सहित स्वास्थ्य केंद्रों में कफ स

By JagranEdited By: Publish:Sun, 06 Dec 2020 07:06 AM (IST) Updated:Sun, 06 Dec 2020 07:06 AM (IST)
स्वास्थ्य केंद्रों में सर्दी-खांसी की भी दवा नहीं
स्वास्थ्य केंद्रों में सर्दी-खांसी की भी दवा नहीं

भागलपुर। जिले के स्वास्थ्य केंद्रों का हाल खस्ता है। सदर अस्पताल सहित स्वास्थ्य केंद्रों में कफ सीरप तक नहीं है, जबकि आउटडोर विभाग में ज्यादातर मरीज सर्दी-खांसी का इलाज करवाने आते हैं। बढ़ती ठंड की वजह से मरीजों की संख्या में 30 फीसद की भी वृद्धि हुई है। कफ सीरप के बदले मरीजों को एंटीबायोटिक दवा दी जा रही है।

किसी भी जिला का सदर अस्पताल मरीजों के लिए मायने रखता है, लेकिन जब सदर अस्पताल में ही दवाइयों की कमी हो तो मरीज जाएं कहां। स्थिति यह है कि सदर अस्पताल में उल्टी रोकने के लिए ऑडेम मरीजों को नहीं मिल रही है। वहीं पिछले तीन माह से आयरन की दवा फोलिक एसिड अस्पताल में नहीं है। इसकी चिंता भी अधिकारियों को नहीं है, जबकि अस्पताल में इलाज करवाने वाली गर्भवती महिलाओं की संख्या भी कम नहीं है। प्रतिदिन 20 से 30 महिलाएं इलाज करवाने आती हैं। सबसे पहले उन्हें आयरन की दवा खाने की सलाह चिकित्सक देते हैं। वहीं उल्टी रोकने की दवा ऑन्डेम और बी कम्पलेक्स भी मरीजों को खरीदना पड़ रहा है। आदमपुर की पिंकी देवी ने कहा कि पिछले तीन माह से सदर अस्पताल आ रहे हैं। आयरन की दवा नहीं मिलती, खरीदनी पड़ती है।

पीरपैंती रेफरल अस्पताल सहित अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में दवा की कमी है। हालांकि जीवन रक्षक दवाओं में डेक्सोना, डेरीफाइलिन, हाइड्रोकोटीसोम, आईबी फ्लूड दवाएं हैं। पीरपैंती श्रीनगर के प्राण कुमार पाण्डेय ने कहा कि बैंडेज करवाने के लिए भी मरीजों को दवा खरीदनी पड़ रही है। ज्यादातर मरीजों को दवा दुकानों ने दवाएं खरीदवाई जा रही है। कैल्शियम मरीजों को नहीं मिलता। कहलगांव, जगदीशपुर, सुलतानगंज सहित जिले के अन्य स्वास्थ्य कंद्रों में कफ सीरप नहीं है।

50 हजार से पांच लाख तक खरीद सकते हैं दवा

स्वास्थ्य केंद्रों में अगर दवा की कमी है तो उसे स्थानीय स्तर पर खरीदने का भी प्रावधान है, लेकिन यह अधिकार केवल सिविल सर्जन को है। स्वास्थ्य केंद्रों में अगर दवा की कमी भी है तो स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी सिविल सर्जन को जानकारी देंगे। विशेष परिस्थिति में 50 हजार से पांच लाख रुपये तक की दवा खरीदी जा सकती है।

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कोट :

मुझे इस मामले में जानकारी नहीं दी गई है कि स्वास्थ्य केंद्रों में किन-किन दवाओं की कमी है।

डॉ. दीनानाथ, प्रभारी सिविल सर्जन

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