यहां के हर आदिवासी गांवों में दस्तक देंगे हाकिम, विकास योजनाओं को इस तरह दी जाएगी रफ्तार, जानिए...

बांका के अधिकारी अब गांव-गांव जाकर लोगों को योजनाओं के बारे में जानकारी देंगे। इसके लिए जिलाधिकारी के निर्देश पर रूपरेखा तैयार की गई है। यहां पर पिछले तीन दिन से इस अभियान ने गति भी पकड़ लिया है।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 07:30 AM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 07:30 AM (IST)
यहां के हर आदिवासी गांवों में दस्तक देंगे हाकिम, विकास योजनाओं को इस तरह दी जाएगी रफ्तार, जानिए...
बांका के अधिकारी अब गांव-गांव जाकर लोगों को योजनाओं के बारे में जानकारी देंगे।

जागरण संवाददाता, बांका। जिला की आदिवासी बस्तियों में अब विकास योजना गति पकड़ेगी। हाकिमों का दल अब हर दिन किसी ना किसी आदिवासी गांव में पहुंच कर विकास की पड़ताल करेगा। पिछले तीन दिन से इस अभियान ने गति भी पकड़ लिया है। 

बुधवार को प्रशासनिक दल चांदन के आदिवासी गांव आकाकुरा में था। गुरुवार को प्रशासन की टीम कटोरिया के हथगड़ गांव में कैंप कर विकास योजना चिह्नित करेगा। प्रशासन ने ऐसे 30 बड़े आदिवासी गांवों की पहचान किया है। इन सभी गांवों में अधिकारी की टीम को पहुंचना है। बेलहर, चांदन, बौंसी, कटोरिया प्रखंड के इन गांवों के भ्रमण पर पता चला कि अधिकारी आदिवासी गांवों की तरफ रूख ही नहीं करते हैं। इससे आदिवासी गांवों में चली विकास योजनाओं का पता नहीं चल पाता है।

जिलाधिकारी सुहर्ष भगत ने इसके लिए अधिकारियों का दल गठित कर दिया है। इसमें सभी वरीय प्रशासनिक अधिकारी को शामिल किया गया है। अधिकारी कैंप आयोजित कर सभी तरह की योजनाओं की समस्या सुनेंगे। ताकि आदिवासी परिवारों को अधिक से अधिक सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके। सभी बीडीओ-सीओ को संबंधित पंचायत की लंबित योजना को शिविर से पूर्व पूरा कर लेने को कहा गया है।

अधिकारी इन समस्याओं को सुनेंगे

- मनरेगा जॉब कार्ड, प्रधानमंत्री आवास, शौचालय

- जन वितरण प्रणाली और राशन कार्ड

- शिक्षा, पोशाक, एमडीएम, छात्रवृति

-स्वास्थ्य

- बाल विकास

- कृषि

- पेयजल

- मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड

- राजस्व रसीद

- डीआरसीसी की सुविधाएं

- सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना

विकास योजनाओं की समीक्षा के दौरान पता चला कि अनुसूचित जनजाति आबादी वाले गांवों को विकास योजनाओं का समुचित लाभ नहीं मिल पाता है। इसके लिए सभी प्रमुख 30 बड़े गांवों का चयन किया गया है। इन सभी गांवों में अधिकारी का दल पहुंच कर शिविर लगाएंगे। जनजाति परिवारों के लिए चलने वाली सभी विशेष योजनाओं के साथ हर प्रकार की सुविधाओं का लाभ उन्हें दिया जाना है। -सुहर्ष भगत, जिलाधिकारी, बांका।

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