है नमन तुमको! बिहार के लाल ने आखिरी दम तक चलाई गोलियां, झारखंड में शहीद हुए डिप्टी कमांडेंट के मुंगेर स्थित घर पर मातमी सन्नाटा

है नमन तुमको... बिहार का लाल मंगलवार को झारखंड में शहीद हो गया। उग्रवादियों से हुई मुठभेड़ में मुंगेर के रहने वाले डिप्टी कमांडेट राजेश कुमार ने अंतिम सांस तक मोर्चा संभाले रखा। उनके शरीर में दो गोलियां लगीं।

By Shivam BajpaiEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 09:38 PM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 09:38 PM (IST)
है नमन तुमको! बिहार के लाल ने आखिरी दम तक चलाई गोलियां, झारखंड में शहीद हुए डिप्टी कमांडेंट के मुंगेर स्थित घर पर मातमी सन्नाटा
झारखंड में शहीद हुए मुंगेर के राजेश कुमार।

जागरण संवाददाता, मुंगेर। मंगलवार को मुंगेर के लाल दरवाजा क्षेत्र में एकदम से मातमी सन्नाटा पसर गया। खबर झारखंड के लातेहार जिले से आई, जहां डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार उग्रवादियों से हुए एनकाउंटर में शहीद हो गए। ये दुखद खबर मिलते ही शोकाकुल शहीद का बड़ा भाई राकेश कुमार और अन्य स्वजन बेसुध हो गए। घर के बाहर लोग आने लगे। सभी के जुबान पर एक ही शब्द था है नमन तुमको... 

(मुंगेर स्थित पैतृक आवास पर मातमी सन्नाटा)

मंगलवार को झारखंड में उग्रवादियों से मुठभेड़ के दौरान डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार ने आखिरी दम तक मोर्चा संभाले रखा। इस दौरान एक उग्रवादी मार भी गिराया गया। वहीं दो घंटे तक चली गोलीबारी में उग्रवादियों की एक गोली कंधे में आकर लगी। लेकिन वे डटे रहे। 

 

(गमगीन बड़ा भाई उसके पत्नी व बच्चे)

इसके बाद अंधाधुंध फायरिंग में एक और गोली उनके कमर में आकर लग गई। घायल हुए राजेश को साथी जवानों ने तुरंत प्राथमिक उपचार दिया और आनन-फानन में हेलीकाप्टर से रांची ले जाया गया। लेकिन वे वतन से अलविदा कह चुके थे।

शहीद राजेश कुमार के बारे में... DC RAJESH KUMAR, AG-35 S/O LAL BAHADUR RAI AT - LAL DARWAJA , MUNGER. PO+PS - MUNGER STF JOINING DATE - 07.09.2018. DOB 01. 01. 1980 Joining date in BSF: 12 Nov 2007

(मौके पर मौजूद शहीद के बच्चे) 

35 साल की उम्र में डिप्टी कमाडेंट ने बीएसफ में अपने 14 सालों का योगदान दिया। झारखंड से आई तस्वीरों ने बताया कि कैसे वीरता का परिचय देते हुए राजेश ने जंग लड़ी। हेलीपैड पर अपने पिता को घायल देख बच्चों ने भी हौंसला नहीं खोया। साथी जवान पत्नी बच्चों को ढांढस बंधाते दिखाई दिए। 

(एयरलिफ्ट कराते साथी जवान)

इधर मुंगेर में हर कोई बस राजेश का कुशलक्षेम जानने पहुंच रहा था। खबर आई नहीं रहे राजेश, तो मानों पैतृक आवास में मातमी सन्नाटा पसर गया। 

अभी तो आया था बिहार का लाल  शहीद राजेश कुमार के पिताजी रांची में ही एजी डिपार्टमेंट में थे। सेवानिवृत्त के बाद वही शिफ्ट कर गए। राजेश से छोटे भाई आईबी में है। लातेहार में ही पोस्टेड हैं। इनके एक भाई अमेरिका में वैज्ञानिक हैं। अप्रैल माह में मां के श्राद्ध कर्म में मुंगेर आए थे राजेश कुमार।

झारखंड से खबर है कि बुधवार को झारखंड जगुआर के टेंडर ग्राम स्थित मुख्यालय में शहीद डिप्टी कमांडेंट राजेश कुमार को श्रद्धांजलि दी जाएगी।

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