सहरसा में सब्जी उत्पादन के लिए तैयार किया गया बढ़िया प्लान, मिलेगा सरकारी योजना का लाभ

कृषि विभाग ने खेत में जल संरक्षण के लिए छह माडल तैयार किया है। कोसी प्रभावित सहरसा जिले में इसके लिए चार माडल को स्वीकृत किया गया है। सब्जी उत्पादन के लिए इन माडल से किसानों को काफी मुनाफा होगा।

By Shivam BajpaiEdited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 12:30 PM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 12:30 PM (IST)
सहरसा में सब्जी उत्पादन के लिए तैयार किया गया बढ़िया प्लान, मिलेगा सरकारी योजना का लाभ
सहरसा में सब्जी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदम।

संवाद सूत्र, सहरसा: कोसी क्षेत्र में बाढ़ के समय हर वर्ष लाखों एकड़ में लगी फसल बर्बाद हो जाती है। वहीं रबी व गरमा फसल के समय सुखाड़ के कारण हजारों एकड़ में लगी फसलों को नुकसान पहुंचता है। सूखे में सिंचाई की समस्या से किसानों को निजात दिलाने तथा फलों और सब्जी की खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग ने पर्यावरण संरक्षण और जलसंरक्षण नीति के तहद खेतों के बीच में छोटा- छोटा तालाब बनाने की योजना बनाया है। ताकि परंपरागत खेती की अपेक्षा फलों और सब्जी की खेती से किसान अधिक लाभांवित हो सकें। इस योजना के तहद कम से कम एक एकड् भूखंड के बीच में लघु तालाब बनाया जाएगा। जिसमें बारिश से समय जलसंचयन होगा और बाद में इसका उपयोग फसलों व बागवानी के लिए किया जाएगा।

लघु तालाबों का मछली पालन में भी होगा उपयोग

कृषि विभाग ने खेत में जल संरक्षण के लिए छह माडल तैयार किया है। कोसी प्रभावित सहरसा जिले में इसके लिए चार माडल स्वीकृत किया गया है। इस योजना के तहत चालू वित्तीय वर्ष में खेतों के बीच जिले में 130 लघु तालाब का निर्माण होगा। इन तालाबों का उपयोग न सिर्फ कृषि कार्य के लिए किया जाएगा, बल्कि इसमें मत्स्यपालन भी किया जाएगा। इसके लिए मुख्यमंत्री मत्स्य विकास योजना से भी किसानों को अनुदान का लाभ मिलेगा। ताकि किसान इस लघु तालाब का दोहरा लाभ प्राप्त कर अपनी आमदनी बढ़ा सकें।

सब्जी उत्पादन के लिए खेतों में बनेगा लघु तालाब - एक एकड़ भूखंड पर भी दिया जाएगा योजना का लाभ - सिंचाई व मत्स्यपालन का किसानों को मिलेगा दोहरा लाभ

'जल-जीवन-हरियाली योजना के अंतर्गत खेत में जल संचयन एवं कृषि प्रबंधन के लिए विभाग न यह योजना लाया है, यह किसानों के लिए काफी लाभकारी हो सकता है। इससे इलाके में सब्जी और फलों की खेती को भी बढ़ावा मिलेगा। और मत्स्यपालन कर किसान अपनी आमदनी बढ़ा सकेंगे।'- दिनेश प्रसाद सिंह, जिला कृषि पदाधिकारी, सहरसा।

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