भागलपुर और बांका में सरकार देगी रोजगार, इथनाल फैक्ट्री को मिली मंजूरी, दो लाख लीटर हर दिन होगा उत्‍पादन,

बांका और भागलपुर के युवाओं के लिए रोजगार का द्वार खुल गया है। सरकार ने इन दोनों जिलों में इथनाल फैक्‍ट्री लगाने की मंजूरी दे दी है। इससे स्‍थानी स्‍तर पर रोजगार के साथ किसानों की भी आमदनी बढ़ेगी।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Thu, 15 Jul 2021 09:09 PM (IST) Updated:Thu, 15 Jul 2021 09:09 PM (IST)
भागलपुर और बांका में सरकार देगी रोजगार, इथनाल फैक्ट्री को मिली मंजूरी, दो लाख लीटर हर दिन होगा उत्‍पादन,
बांका और भागलपुर के युवाओं के लिए रोजगार का द्वार खुल गया है।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। भागलपुर, बांका सहित पूरे पूर्व बिहार के मक्का उत्पादक किसानों के दिन बहुरने वाले हैं। दोनों जिलों में इथनाल फैक्ट्री लगने का रास्ता साफ हो गया है। राज्य निवेश प्रोत्साहन परिषद ने दोनों जगह इथनाल फैक्ट्री लगाने के प्रस्ताव को प्रथम चरण की स्वीकृति दे दी है। जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक ने कहा कि नवगछिया के साहू परबत्ता में 50 एकड़ में इथनाल फैक्ट्री लगेगी। इस पर 486 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। मेसर्स शाहू एग्रो बिजनेस प्राइवेट लिमिटेड को इथनाल फैक्ट्री लगाने की जिम्मेवारी दी गई है। इथनाल फैक्ट्री लगने के बाद क्षेत्र के मक्का किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य मिल सकेगा।

ये भी जानें

- राज्य सरकार ने दी स्वीकृति, नवगछिया के साहू परबत्ता में 486 लाख की लागत से लगेगी फैक्ट्री

- बांका के कटोरिया रोड में भी लगाई जाएगी फैक्ट्री, दो लाख लीटर प्रतिदिन होगा उत्पादन

नवगछिया और कहलगांव है मक्‍का उत्‍पादन का हब

बताते चलें कि जिला के नवगछिया और कहलगांव अनुमंडल में बड़े पैमाने पर मक्के का उत्पादन होता है। वहीं, दूसरी ओर बांका जिला में भी इथनाल फैक्ट्री लगाने के प्रस्ताव को भी राज्य निवेश प्रोत्साहन परिषद ने हरी झंडी दे दी है। वहीं, बांका जिला के कटोरिया रोड में 50 एकड़ में इथनाल फैक्ट्री लगाई जाएगी। बांका में भागलपुर बायो रिफाइनरी को इथनाल फैक्ट्री लगाने की जिम्मेवारी दी गई है। भागलपुर बायो रिफाइनरी की प्रबंध निदेशक दिव्या प्रकाश ने कहा कि प्लांट में प्रत्येक दिन दो लाख लीटर इथनाल का उत्पादन होगा। जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक रामशरण राम ने कहा कि भागलपुर और बांका में इथनाल उत्पादन इकाई लगने के बाद जहां लोगों को रोजगार मिलेगा। वहीं, मक्का उत्पादक किसानों को भी उनके उत्पाद का उचित मूल्य मिल सकेगा।

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