कोरोना से लड़ाई में बैकफुट पर व्यवस्था, पांच से खुलेंगे स्कूल, जानिए क्या है तैयारी
भागलपुर में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है लेकिन सरकारी तंत्र अब भी बेपरवाह है। इसी बीच पांच अप्रैल से सभी स्कूलों को भी खोले जाने की तैयारी है पर यहां पर भी कोई व्यवस्था नहीं की गई है।
जासं, भागलपुर! दूसरे फेज में कोरोना ने जिले में कहर बरपाना शुरू कर दिया है। अभी तक के आंकड़े में सबसे ज्यादा संक्रमित लोग शहरी क्षेत्र के हैं। लगातार बढ़ रहे मामले के बाद भी लोग समझने को तैयार नहीं है। बाजार या सड़क पर बिना मास्क के ही लोग घूम रहे हैं। लक्ष्मण रेखा (शारीरिक दूरी) का भी खूब उल्लंघन कर रहे हैं। न इन्हें रोकने वाला कोई है और न समझाने वाला। इनके चेहरे पर प्रशासन का भी जरा सा खौफ नहीं है। बाजार में 70 फीसद छोटे से बड़े दुकानों में कोविड नियमों का पालन नहीं हो रहा है। ज्यादातर दुकानों में न सैनिटाइजर की व्यवस्था है और न हैंडवॉश की। लंबे समय से संक्रमितों के नहीं मिलने से लोग बेपरवाह हो गए हैं, लोगों को लगा कि अब कोरोना का कहर समाप्त हो गया। यही वजह है कि बाजार, सड़क, रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड में लोग बेखौफ होकर चल रहे हैं। लापरवाही का आलम आगे भी जारी रहा तो शहर एक बार फिर कोरोना की गिरफ्त में होगा।
वहीं, जिले में सरकारी से लेकर निजी स्कूलों में पठन-पाठन का काम पांच अप्रैल से शुरू होगा। लेकिन अभी तक कहीं भी कोरोना से लडऩे की माकूल व्यवस्था नहीं है। शिक्षा विभाग की ओर से सिर्फ निर्देश पर निर्देश दिए जा रहे हैं। लेकिन इसका पालन नहीं होता दिख रहा है। सोमवार से स्कूलों में पढ़ाई शुरू हो रही। ऐसे में देखना है कि स्कूल प्रबंधनों की ओर से क्या-क्या खास व्यवस्था की गई है।
बेकार हुए अस्पतालों में लगे सैनिटाइज टनल
पिछले वर्ष कोरोना का प्रकोप को देखते हुए सदर अस्पताल, मेडिकल अस्पताल, इमरजेंसी, निजी स्कूलों, पुलिस लाइन सहित कई जगहों पर सैनिटाइज टनल लगाए गए थे। लेकिन, समय के साथ-साथ सभी सैनिटाइज टनल डेड हो गया है। काम नहीं करने की वजह से हर जगह लगे टनल को हटाकर साइड कर दिया गया है। अस्पातल में चिकित्सक, नर्स, कर्मचारी और मरीज मिलाकर सैकड़ों की संख्या में लोगों का आवागन होता है। लोग बिना सैनिटाइज हुए ही अपने-अपने विभाग या कार्यालय में जा रहे हैं। ऐसे में संक्रमण का आंकड़ा और बढऩे की संभावना है।
पुलिस और प्रशासन भी मौन
कोविड नियमों का सौ फीसद पालन कराने में पुलिस और प्रशासन अभी तक बैकफूट पर दिख रही है। 15 मार्च से ही कोरोना के केस जिले में मिलना शुरू हो गया है। दो सप्ताह का समय गुजर जाने के बाद भी मास्क जांच के नाम पर कोरम पूरा किया जा रहा है। कड़ई से कोविड नियमों का पालन कहीं नहीं हो रहा है। हर चौक-चौराहों पर पुलिस सिर्फ हेलमेट चेङ्क्षकग में ही व्यस्त रहती है। नगर निगम की और से सैनिटाइजर का छिड़काव भी अबतक शुरू नहीं हुआ है। ऐसे में जिन इलाकों मेंं संक्रमित मिले हैं, उन मोहल्ले के लोग दहशत में है।