गोपाल मंडल: ऐ भोलेनाथ... फाटक खोलिए...! एक बार फिर सुर्खियों में आ गए CM नीतीश के विधायक
गोपालपुर के जदयू विधायक नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल एक बार फिर चर्चा में आ गए हैं। उन्होंने कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन किया। सावन की पहली सोमवारी को बूढ़ानाथ मंदिर पहुंचे। वहां का दरवाजा बंद था। इसपर विधायक काफी नाराज हुए। समर्थकों ने काफी हंगामा किया।
ऑनलाइन डेस्क, भागलपुर। भागलपुर जिले के गोपालपुर के जदयू विधायक नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल एक बार फिर चर्चा में आ गए। इस बार उनकी चर्चा इस बात को लेकर है कि उन्हें सावन की पहले सोमवारी पर बूढ़ानाथ मंदिर में पूजा करने नहीं दिया गया। इस पर विधायक ने काफी रोष जताया है। उन्होंने कहा कि मैं विधायक हूं, मंदिर का गेट मेरे लिए खोल देना चाहिए था। बता दें कि कोरोना संक्रमण के प्रसार रोकने के लिए मंदिर का गेट बंद दिया था।
जानकारी के अनुसार सावन की पहली सोमवारी को विधायक गोपाल मंडल भागलपुर के जहाजघाट से गंगा स्नान कर बूढ़ानाथ मंदिर पूजा करने पहुंचे। उनके साथ एक दर्जन लोग भी शामिल थे। गंगा स्नान के बाद बोलबम, हर-हर महादेव और ओम नम: शिवाय बोलते हुए सभी पैदल बूढ़ानाथ मंदिर पहुंचे। लेकिन मंदिर का मुख्य द्वार बंद था। विधायक गुस्से में आ गए। मंदिर का दरवाजा पीटने लगे। लेकिन मंदिर प्रशासन ने फाटक नहीं खोला। मंदिर प्रशासन ने कहा कि प्रशासन ने कोरोना गाइडलाइन जारी किया है, उसमें अभी मंदिर नहीं खोलने का निर्देश है।
विधायक ने मंदिर प्रशासन, मैनेजर और पुजारियों पर अपना दबंगई दिखाना शुरू कर दिया। मुख्य दरवाजा खोलने को कहा। विधायक ने मंदिर प्रबंधक और वहां मौजूद पुजारियों को गेट नहीं खुलने पर अंजाम भुगतने की धमकी भी दी। एक घंटे तक काफी हंगामा किया। मंदिर के मुख्य गेट को हाथ से पकड़कर खूब हिलाया। उसे तोड़ने का भी प्रयास किया।
मंदिर प्रबंधन ने इसकी सूचना जोगसर थाना और जिले के वरीय पदाधिकारियों को दी। जोगसर थाना पुलिस के सब इंस्पेक्टर पहुंचे। उन्होंने विधायक को समझाया। इसपर वे उनसे ही उलझ गए। काफी हंगामा के बाद बूढ़ानाथ मंदिर के समीप एक मंदिर में शिवलिंग पर उन्होंने जल चढ़ाया।
जानिए... क्या है पूरा घटनाक्रम
अपने खास अंदाज से समय-समय पर चर्चा में रहे गोपालपुर के जदयू विधायक नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल भोले शिवशंकर की भक्ति में लीन पहली सोमवारी को कोरोना गाइडलाइंस को ही ठेंगा दिखा दिया। अपने बरारी स्थित आवास से पैदल गंगा घाट पर पहुंचे। पवित्र डुबकी लगाई और नया गैरिक वस्त्र धारण किया। फिर गगनभेदी आवाज में बमबम भोले का जयघोष कर कांवर उठाया। पैदल ऐतिहासिक बाबा बूढ़ानाथ मंदिर के लिए चल पड़े। उनके पीछे-पीछे सुरक्षा अमला और उनके बहुत करीबी शिव भक्त भी पीछे-पीछे कांवर लेकर चल दिए। करीब 45 मिनट में बाबा बूढ़ानाथ मंदिर परिसर पहुंचे विधायक को मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार पर तैनात पुलिस ने अंदर जाने से रोक दिया।
उन्हें कहा कि मंदिर परिसर में प्रवेश की इजाजत नहीं हैं। गाइडलाइंस के अनुपालन कराने के लिए ही तैनाती की गई है। पुलिस वाले संभवत: विधायक जी को नहीं पहचान रहे थे। लेकिन विधायक ने अपने अंदाज में कहा...ऐ भाय जरा सुनिए। हम बहुत ही प्रेम भाव से भोलेनाथ को जल ढारने आए हैं। हमारी पूजा में विघ्न नहीं डालिए। लेकिन पुलिसकर्मियों ने उन्हें प्रवेश नहीं करने दिया तो विधायक ने अपना परिचय दिया कि वह गोपाल मंडल हैं। पुलिसकर्मियों ने उनका सम्मान किया और अपनी नौकरी की दुहाई दी। पहले तो विधायक तमतमाए लेकिन चंद मिनट में ही साथ आए भक्तों को यह कह दिया कि बाबा बूढ़ानाथ मंदिर परिसर आ ही गए हैं। परिसर में भगवान शिव का और भी मंदिर है। उसी मंदिर में बने शिवलिंग पर जलाभिषेक कर लिया जाए।
करीब एक घंटे के नाटकीय घटनाक्रम में मंदिर में प्रवेश नहीं मिलने से असहज हुए विधायक गोपाल मंडल खुद सहज हो गए और मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार के सामने वाले शिव मंदिर में मौजूद शिवलिंग पर जलाभिषेक किया। उनके साथ गए शिव भक्तों ने भी जल चढ़ाया। पूछने पर विधायक ने कहा कि देखिए औघड़दानी भगवान शिव की उनपर हमेशा कृपा रही है। उन्हें मन से रोज सुमिरन करते हैं। आज जलाभिषेक कर पहली सोमवारी को उन्हें पूजने की इच्छा लिए मंदिर आया था। पुलिस वालों को मंदिर का पट खोल देना चाहिए था। लेकिन उल्टे तैश में आकर बात करने लगे। पुजारियों ने भी विरोध जताया।
विधायक ने कहा कि हम पूजा भाव से आए थे, वरना सबका तैश वह खुद उतार देते। उन्होंने कहा कि भोले बाबा का सारे संसार में शासन है। हम उनकी शरण में आए हैं, कोई कुर्सी के लिए मरता है, लेकिन हम जनता के लिए। विधायक ने जोगसर थाने से पहुंची पुलिस टीम को अपने अंदाज में हड़काया भी कि हम भक्ति भाव में आए हैं, आपलोग हमें रोक रहे हैं। जलाभिषेक के बाद विधायक लौट आए। बूढ़ानाथ मंदिर परिसर में विधायक के पहुंचने और मंदिर में प्रवेश करने को लेकर हुए गतिरोध को लेकर डीएम ने एसडीओ को जांच का निर्देश दे दिया है। जांच बाद कोरोना गाइडलाइंस के उल्लंघन का मामला दर्ज किया जा सकता है।