Bihar Flood: बिहार में भारी बारिश से उफनाईं गंगा व कोसी नदियां, कटिहार में ट्रेन परिचालन बाधित, कई गांव जलमग्‍न

Bihar Flood बिहार में बुधवार की सुबह से ही लगातार बारिश हो रही है। इससे जन-जीवन पूरी तरह प्रभावित हो गया है। नदियों का जलस्‍तर काफी बढ़ गया है। लोग परेशान हैं। रेल सेवा पर भी असर पड़ा है। कई गांव जलमग्‍न हो गए हैं।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 02:06 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 02:11 PM (IST)
Bihar Flood: बिहार में भारी बारिश से उफनाईं गंगा व कोसी नदियां, कटिहार में ट्रेन परिचालन बाधित, कई गांव जलमग्‍न
बारिश के कारण जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हो गया है।

जागरण टीम, सुपौल/ किशगनंज/ कटिहार/भागलपुर/खगड़‍िया। पिछले तीन दिनों से ब‍िहार में बारिश हो रही है।  पूर्व बिहार, कोसी और सीमांचल की बात करें तो  बुधवार से सुबह से ही मुसलाधार भारी प्रत्‍येक जिलों में हो रही है। बारिश ने जनजीवन पूरी तरह प्रभावित कर दिया। गंगा, कोसी सहित कई नदियों का पानी उफान पर है। नदियों का जलस्‍तर बढ़ गया है। बार‍िश के कारण कई गांव जलजग्‍न हो गए। यातायात पूरी तरह प्रभावित है। बच्‍चों को स्‍कूल जाने और आने में काफी परेशानी हो रही है। रेल परिचालन पर भी असर पड़ा है। कटिहार में रेल पर‍िचालन प्रभावित होने की सूचना है। 

डरा रही है नेपाल की अतिवृष्टि

नेपाल की बारिश डरा रही है। नेपाल में अतिवृष्टि हुई है। मंगलवार की सुबह साढ़े आठ से बुधवार सुबह साढ़े आठ बजे तक हुई बारिश डराने वाली है। विभागीय रिपोर्ट के अनुसार कोसी-महानंदा के जलग्रहण क्षेत्र विराटनगर में 323 मिलीमीटर बारिश हुई है। गंडक के जलग्रहण क्षेत्र पोखरा में 63, बूढ़ी गंडक और बागमती के जलग्रहण क्षेत्र सिमरा में 32 मिलीमीटर बारिश हुई है। बागमती के ही जलग्रहण क्षेत्र ओखलडूंगा में 69.8 मिलीमीटर बारिश बीते 24 घंटे में हुई है। कोसी के जलग्रहण क्षेत्र टापलेगंज में 54.5 और धनकुट्टा में 162 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। कमला नदी के जलग्रहण क्षेत्र जनकपुर में 116.3 मिलीमीटर बारिश हुई है। 21 अक्टूबर तक बारिश की संभावना है। अगर हिसाब जोड़े तो नेपाल के कोसी के जलग्रहण क्षेत्र में बीते 24 घंटे में 610.13 मिलीमीटर बारिश हुई है। केंद्रीय जल आयोग पटना ने जल संसाधन विभाग के सभी अभियंताओं को सतर्क रहने को कहा है। मालूम हो कि नेपाल की बारिश का सीधा असर बिहार के कई इलाके पर पड़ता है। जिसमें खगडिय़ा प्रमुख है। नेपाल का पानी लगभग 36 घंटे में खगडिय़ा पहुंच जाता है।

भागलपुर की स्थिति और भयावह

भागलपुर गंगा तट पर स्‍थि‍त है। यहां की और भी भयवाह स्थिति हो गई है। लोग परेशान हैं। बारिश रूक नहीं रही। बच्‍चे स्‍कूल से घर वापस कैसे आएंगे, इसकी चिंता दिख रही है। सड़कों पर पानी जमा है। लोग घर से नहीं निकल पा रहे हैं। बाइक का चक्‍का पानी में डू‍ब जाता है। शहर में कीचड़ है। भोलानाथ पुल, बौंसी पुल में पानी जम गया है। 

सुपौल में मंगलवार की रात कोसी नदी में अचानक उफान आने से सरायगढ़-भपटियाही प्रखंड क्षेत्र के आधे दर्जन गांव में बाढ़ का पानी फैल गया है। पानी के फैलने से लोगों के फसल को भी भारी नुकसान हुआ है। धान की फसल पानी के बीच डूब गई है जिसको लेकर किसान काफी चिंतित हो उठे हैं। कोसी के गांव से संतोष स‍िंंह, वीरेंद्र स‍िंंह सहित कई किसानों ने बताया कि मंगलवार की रात कोसी नदी में अचानक पानी बढ़ गया। फिर रातों-रात पानी लोगों के घर-आंगन में प्रवेश कर गया जिससे आवागमन की भी समस्या खड़ी हो गई है।

अमूमन यह देखा जाता था दशहरे के बाद कोसी शांत पड़ जाती थी और लोग अपने घर वापस आ अपने नव जीवन के शुरुआत में लग जाते थे। लेकिन अक्टूबर माह में कोसी के इस रूख ने लोगों का कलेजा दहला दिया है। कोसी का डिस्चार्ज 2,66 हजार के करीब तक पहुंच गया। कोसी के बहाव में कई मिट्टी के सड़क बह गए जिससे लोगों को चलने में दिक्कत हो रही है। गिरधारी गांव से मु. तमन्ना ने बताया कि उनके गांव में भी बाढ़ का पानी घर-घर प्रवेश कर गया है। उधर गौरीपट्टी, बनैनिया पलार, बलथरबा, भुलिया, कटैया भुलिया, ढोली, झखराही, कटैया, सियानी, पिपराही, लौकहा आदि गांव में बाढ़ के पानी के कारण अक्टूबर माह में लोग परेशान हुए हैं जब ऐसा कम ही देखने को मिलता है। अक्टूबर माह में लोगों को बाढ़ का खतरा नहीं रहता है। लेकिन इस बार अचानक आए पानी ने लोगों को हैरानी में डाल दिया है।

आफत बन बरसी बदरा, फसलें कर दी चौपट

बारिश व तेज हवा से धान की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। फसलें खेतों में बिछ गई है। किसानों ने फसलों के नुकसान का आकलन कर मुआवजे की मांग की है। तीन दिनों से सरायगढ़ प्रखंड क्षेत्र में मूसलाधार बारिश होने के कारण लोगों के धान की फसल को भारी नुकसान हुआ है। धान की फसल पानी में डूबी हुई है और इसको लेकर किसान काफी ङ्क्षचतित हैं। प्रखंड क्षेत्र के छिटही हनुमाननगर, शाहपुर-पृथ्वीपट्टी, लौकहा, झिल्ला डुमरी, पिपराखुर्द, मुरली, सरायगढ़, चांदपीपर, भपटियाही, ढ़ोली, बनैनियां, लालगंज आदि पंचायत से कई किसानों ने बताया कि धान की फसल को इस तरह से नुकसान हुआ है कि आगे का समय काटना मुश्किल हो जाएगा। किसानों ने जिला पदाधिकारी से बर्बाद हुए धान के फसल की तत्काल जांच कराकर उचित मुआवजा देने का अनुरोध किया है।

कोसी तटबंध के अंदर का सीओ ने जाना हाल

नेपाल के तराई इलाके में लगातार बारिश जारी रहने की वजह से कोसी का जलस्तर देर रात से ही बढने लगा है। कई सालों बाद अक्टूबर माह में कोसी का 2 लाख 66 हजार क्यूसेक डिस्चार्ज रिकार्ड किया गया है। जिसको लेकर प्रशासन भी अलर्ट मोड में आ गया है। वहीं तटबंध के भीतर बसे लोगों को बाहर निकालने के लिए नाव की भी व्यवस्था कर ली गयी है। प्रशासन का मानना है कि अगर कोसी का डिस्चार्ज 3 लाख के पार जाता है तो तटबंध के भीतर बसे लोगों को बाहर निकालने का काम किया जाएगा। इस बाबत सुपौल सदर अंचल के सीओ ङ्क्षप्रस राज बताते हैं कि प्रशासन किसी भी आपदा से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। अगर कोसी का डिस्चार्ज बढता है तो तटबंध के भीतर बसे लोगों को बाहर निकाला जायेगा और अन्य व्यवस्था की जायेगी। इस बाबत सीओ ने कोसी तटबंध का भी जायजा लिया।

बीते दो दिनों से लगातार हो रही बारिश से किशनगंज जिला के दिघलबैंक प्रखंड के कई गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। प्रखंड क्षेत्र के सिंगिमारी पंचायत के बलुवा डांगी, मंदिरटोला, लोहागड़ा, पंचायत, धनतोला पंचायत के बिहार टोला, काशीबारी, पत्थर घट्टी पंचायत के गोवाबारी, दोदरा, आलम नगर में कनकई नदी में उफान से बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। यह नदियां नेपाल से चलकर आती है। यह सभी गांव जलमग्न हो चुका है। लोगों के घरों के चूल्हे चक्के चलना बंद हो गया है। घरों में पानी घुसने से लोग रात भर सो नहीं पाए हैं और रातजगा कर रहे हैं। लगातार बारिश के कारण नदी में पानी और बढ़ने से उत्पन्न होने वाली परेशानी से लोग भयभीत हैं। वहीं, कटिहार में रेल परिचालन का बारिश का असर पड़ा है।

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