गंगा के जलस्तर ने बनाया नया कीर्तिमान
भागलपुर में गंगा के जलस्तर ने इस बार नया कीर्तिमान बनाया है। हाई फ्लड की रेखा 34.7 मीटर को पार कर गई है।
भागलपुर। भागलपुर में गंगा के जलस्तर ने इस बार नया कीर्तिमान बनाया है। हाई फ्लड की रेखा 34.72 मीटर से तीन सेंटीमीटर पार कर जलस्तर ने वर्ष 2016 के भी रिकार्ड को तोड़ दिया है। गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि होने से बाढ़ ने विकराल रूप धारण कर लिया है। सोमवार को दो सेंटीमीटर जलस्तर घटने से थोड़ी राहत मिल सकती है। हालांकि धीरे-धीरे जलस्तर घटना शुरू होगा, लेकिन लोगों को फिलहाल राहत नहीं मिलने वाला है।
बाढ़ के कारण नाथनगर व शाहकुंड प्रखंडों में हजारों एकड़ की खेती बर्बाद हुई है। नाथनगर प्रखंड के बिहारीपुर, गोविदपुर, भतेाड़िया, हुलास स्थान चौक, किशनपुर बेलखोरिया आदि गांवों में गंगा का पानी पहुंच गया है। वहीं, शाहकुंड प्रखंड के जमालपुर, पचरूखी व खैरा पंचायत समेत कई क्षेत्रों में बाढ़ से लोग बेहाल हैं। वहीं नाथनगर के रत्तीपुर बैरिया पंचायत, गोसाईंदासपुर व शंकरपुर चौवनियां पंचायत में गंगा अपनी पुरानी धारा की ओर करवट ले रही है। पांच वर्ष में नवगछिया अनुमंडल से नाथनगर की ओर करीब 18 हजार मीटर कटाव हुआ है। गंगा की धारा नजदीक होने से भी शहरी क्षेत्र और नए क्षेत्र में बाढ़ का असर है।
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शहर की सड़कों पर चल रही नाव, नहीं पहुंची राहत
नगर निगम के छह वार्डों में अब तो 10 हजार घरों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। शहर में सबकुछ होने के बाद भी लोग भूखे सोने को मजबूर हैं। बाढ़ के कारण जब शहर में पानी बढ़ने लगा तो लोगों को लगा कि जल्द ही पानी उतर जाएगा, लेकिन दस दिन बाद भी शहर के जिन इलाकों में जल-जमाव हुआ, वहां से पानी नहीं निकल पाया है। जल-निकासी के लिए नगर निगम की जो व्यवस्था है वह पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। सबसे बड़ी समस्या यह हो गई है कि साहेबगंज, मोहनपुर, चंपानगर, लालूचक, बंगाली टोला, मखदूम शाह दरगाह लेन, मदनीनगर, बाबूटोला की सडकें जलमग्न है। सैकड़ों की संख्या में घरों व मोहल्ले में छह फीट से ज्यादा पानी जमा है। बाढ़ के साथ जलकुंभी और नाले में जमा कचरा भी घरों के आंगन में तैर रहा है। इनमें से जहरीले सांप और कीड़े निकल रहे हैं। नतीजतन लोगों ने अपने-अपने घरों में बच्चों को एक तरह से कैद कर रखा है। निचले इलाके की बड़ी आबादी बाढ़ में फंसी है। कोई घरों की छतों पर तो कोई पड़ोसी और रिश्तेदारों के घर रहकर अपना जीवन-यापन कर रही है। पार्षद सुनीता देवी ने बताया कि अंचलाधिकारी से लेकर तमाम अधिकारी तैनात किए हैं पर लोगों की पीड़ा सुनने वाला कोई नहीं है। लालूचक समेत आधा दर्जन मोहल्ले के लोगों का राहत नहीं मिली है।
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शहर के मोहल्लों में संक्रामक रोगों के फैलने का है खतरा
शहर के जल-जमाव के कारण लोगों में संक्रामक रोगों के फैलने की आशंका बढ़ गई है। जल-जमाव के बाद नगर निगम ने ब्लीचिग व अन्य रोग निरोधक दवाओं का छिड़काव नहीं किया जा रहा है। इस कारण समस्या बढ़ रही है। सड़कों पर पानी लगा हुआ है और लोगों को स्वच्छ पेयजल भी नहीं मिल रहा है। बोरिग व चापाकल का पानी प्रदूषित हो गया है। इन तक पेयजल भी उपलब्ध करा पाने में प्रशासनिक तंत्र विफल रही है। शहर में बाढ़ के गंदा पानी हर तरफ जमा हो गया है। यदि समय रहते इसपर ध्यान नहीं दिया गया तो परेशानी बढ़ सकती है।