गंगा की धारा निर्मल-अविरल: भागलपुर में कई जगहों पर शुरू हुआ सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण
वर्ष 1991 में 11 एमएलडी क्षमता वाले प्लांट के ठप होने से गिरने लगा गंगा में नाले का पानी। सुल्तानगंज नवगछिया में भी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण कार्य हुआ शुरु कहलगांव में अभी योजना नहीं उतरी धरातल पर।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। साहेबगंज में वर्ष 1991 में 11 एमएलडी क्षमता वाले सीवरेज प्लांट की स्थापना हुई थी। लेकिन रख रखाव के अभाव में 2001 के बाद प्लांट धीरे-धीरे ध्वस्त होने लगा। पांच स्थानों पर पंपिंग हाउस वर्ष 2005 में बंद हो गए। इस प्लांट में 17 वार्डो के नाली के पानी पहुंचाया जाता था। प्लांट में शोधन कार्य ठप होने की वजह से गंगा में बड़े नालों का पानी सीधे गिरने लगा। उसी सीवरेज प्लांट को 45 एमएलडी की कुल क्षमता के निर्माण को मंजूरी मिल गई। जिससे मोक्षदायिनी गंगा की धारा निर्मल-अविरल होने की आस जग गई है। शहर में मौजूदा सीवरेज समस्याओं और गंगा नदी में होने वाले सीवेज प्रदूषण से निजात मिलेगी।
समुद्र तल से 141 फीट की ऊंचाई पर बसे इस शहर में नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत सुल्तानगंज, कहलगांव और नवगछिया को भी एसटीपी परियोजनाएं मिली हैं। सुल्तानगंज और नवगछिया में तो काम शुरु हो गया है लेकिन कहलगांव में अभी तक कुछ कार्य नहीं हुआ है। हालांकि, सुल्तानगंज से कहलगांव तक गंगा नदी का हिस्सा विक्रमशिला गंगा डाल्फिन अभयारण्य के अंतर्गत आता है, जिसकी कुल लंबाई 60 किमी. है। इस हिस्से में गंगा नदी के प्रदूषण में कमी लाना गंगा डाल्फिन और अन्य जलीय जीवों के प्राकृतिक आवास को बनाए रखने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
चैनल से जुड़ेंगे 43 नाले
नगर निगम क्षेत्र के 43 छोटे-बड़े नालों का पानी गंगा में सीधे प्रवाहित किया जाता है। गंगा में गिरने वाले नाले के मुहाने को मोड़ा जाएगा। सभी नालों को एक चैनल से जोडऩे की योजना है। बरारी से नाथनगर के बीच चैनल को साहेबगंज सीवरेज ट्रीटमेंट से जोड़ा जाएगा। पूरे शहर के नालों का पानी अंडरग्राउंड आरसीसी पाइप के माध्यम से 10 पंपिंग स्टेशन तक पहुंचेगा। कोयला घाट, महाराज घाट, सीएमएस स्कूल और नया बाजार के पंपिंग स्टेशन को तोड़कर बनाया जाएगा। इन पंपिंग हाउस को 21 बड़े मास्टर नाले का निर्माण कराया जाएगा। इसमें शहर के सभी छोटे-बड़े नालों को जोड़कर सीवरेज प्लांट तक पहुंचाने की व्यवस्था होगी।
इस प्रकार होगा कार्य योजना की लागत 385 करोड़ 9 लाख एसटीपी क्षमता 45 एमएलडी 10 इंटरमीडिएट पंपिंग स्टेशन। टोटल 43 ड्रेन (नाला) कवर होंगे। 13.7 किलोमीटर राइजिंग मेन। 10.1 किलोमीटर ट्रंक सीवर लाइन। 24 माह (2 वर्ष) में योजना पूर्ण होगी।