पूर्णिया के पूर्व एसपी आइपीएस विशाल शर्मा पर हो सकती है कार्रवाई, डीएसपी और थानेदार भी रडार पर
मक्का लूट मामले में पूर्णिया के पूर्व एसपी पर कार्रवाई हो सकती है। भवानीपुर मक्का लूट मामले में अपराध अनुसंधान विभाग के अपर पुलिस महानिदेशक ने कार्रवाई के लिए डीजीपी को रिपोर्ट भेजी है। रिपोर्ट में पूर्व आइजी विनोद कुमार की जांच रिपोर्ट को सही बताया गया है।
पूर्णिया [राजीव कुमार]। सत्य की हमेशा जीत होती है और ऐसा ही कुछ हुआ है पूर्णिया जिला के भवानीपुर के मक्का व्यापारी लूट कांड मामले में। इस मामले में पुलिस ने लूट के शिकार हुए पीडि़त के परिजनों को लूट का ना केवल आरोपी बना दिया बल्कि उन्हें गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया और वे एक साल तक सलाखों के अंदर रहे। मगर आखिरकार इस मामले में पीडि़त व्यापारी को न्याय मिला है और जांच में यह बात साबित हो गयी है की लूट की घटना पर पर्दा डालने की नीयत से पूर्णिया पुलिस ने निर्दोष को फंसा दिया। इस साजिश में पूर्णिया के पूर्व एसपी विशाल शर्मा धमदाहा डीएसपी प्रेमसागर एवं लूट मामले के अनुसंधानकर्ता एवं तत्कालीन धमदाहा थाना अध्यक्ष प्रदीप पासवान शामिल थे।
पूर्णिया के पूर्व आइजी विनोद कुमार ने राज्य पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर इस मामले की जांच की थी और उनकी जांच रिपोर्ट में निर्दोष को फंसाने की बात सामने आई थी और एसपी डीएसपी एवं अनुसंधानकर्ता की जांच रिपोर्ट को पूरी तरह के निराधार बताया गया था। आइजी ने इस मामले में अपनी जांच रिपोर्ट में पूर्व एसपी धमदाहा डीएसपी एवं धमदाहा थाना अध्यक्ष की भूमिका पर सवाल उठाया था। आइजी ने अपनी जांच रिपोर्ट अपराध अनुसंधान विभाग के अपर पुलिस महानिदेशक को भेज दी थी। अब इस मामले में अपराध अनुसंधान विभाग के एडीजी ने अपनी रिपोर्ट राज्य के पुलिस महानिदेशक को भेज दी है। जिसमें पूर्व एसपी विशाल शर्मा , पूर्व डीएसपी प्रेमसागर एवं थाना अध्यक्ष को इस मामले में दोषी पाया गया है और इनके खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की गयी है।
तीन जून 2019 को घटी थी लूट की यह घटना
भवानीपुर मक्का व्यापारी से लूट की घटना 3 जून 2019 को घटी थी। लूट की इस घटना को लेकर धमदाहा थाने में थाना कांड संख्या 170/2019 दर्ज किया गया था। उस वक्त इस मामले के अनुसंधानकर्ता तत्कालीन धमदाहा थानाध्यक्ष प्रदीप पासवान बनाए गए थे मगर इसके बाद इस मामले के अनुसंधानकर्ता राजीव कुमार आजाद एवं इसके बाद फिर राज किशोर शर्मा एवं फिर पुलिस निरीक्षक धमदाहा अमर कुमार अमर को बनाया गया। इस मामले में धमदाहा पुलिस अब तक दो व्यापारियों सहित जिनके पास से व्यापारियों की लूटी गई मोबाइल बरामद की गई थी उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
पूर्णिया से लौटने के दौरान व्यापारी के साथ घटी थी घटना
पूर्णिया से बैंक से रुपये की निकासी कर वापस लौट रहे मक्का व्यापारी झकसू साह को अपराधियों ने लूट के दौरान गोली मारकर जख्मी कर दिया था। व्यापारी को गोली मारने के बाद अपराधियों ने 37 लाख रुपये लूट लिए थे मगर पुलिस ने इस मामले में 18. 90 लाख की राशि सहित इस मामले के दो आरोपितों बुद्धदेव साह और सुबोध अ्रग्रवाल को गिरफ्तार किया था। ये दोनों लूट के शिकार हुए मक्का व्यापारी के परिजन थे।
पुलिस ने इस मामले में जल्दीबाजी में बुद्धदेव साह और सुबोध अ्रग्रवाल के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र भी समर्पित कर दिया। जिस कारण इन दोनों व्यापारियों को एक साल तक सलाखों के पीछे रहना पड़ा।
आइजी ने जांच के लिए बनाई थी छह सदस्यीय जांच टीम
भवानीपुर मक्का व्यापारी लूट कांड मामले में व्यापारियों को फंसाए जाने की शिकायत मिलने के बाद सीआइडी के अपर पुलिस महानिदेशक विनय कुमार ने इस मामले में पूर्णिया आइजी विनोद कुमार को जांच का जिम्मा सौंपा था। व्यापारियों ने आरोप लगाया था कि इस मामले में साजिश के तहत पुलिस उन्हें फंसा रही है जबकि इस घटना से उनका कोई लेना-देना नहीं है। इसके अलावा इस घटना में शामिल अपराधियों की आज तक गिरफ्तार नहीं करने का आरोप लगाया गया था। इसके बाद आइजी ने जांच के लिए छह सदस्यीय जांच टीम का गठन कर इस मामले की जांच कराई। जिसमें निर्दोष को फंसाने की बात सामने आई।
डीजीपी ने धमदाहा थाना अध्यक्ष के संबंध में मांगी रिपोर्ट
लूट कांड के इस मामले में तत्कालीन एसपी एवं डीएसपी सहित थाना अध्यक्ष एवं लूटकांड के इस मामले के जांच अधिकारी प्रदीप पासवान के संबंध में डीजीपी कार्यालय ने पूर्णिया के आइजी कार्यालय से रिपोर्ट तलब की है। डीजीपी कार्यालय द्वारा मांगी गयी जानकारी के आधार पर आइजी कार्यालय से यह रिपोर्ट भेज दी गयी है की तत्कालीन धमदाहा थाना अध्यक्ष प्रदीप पासवान वर्तमान में अपराध अनुसंधान इकाई पटना में पदस्थापित है। इसके बाद राज्य पुलिस मुख्यालय अब अपने स्तर से इन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई में जुट गया है।
भवानीपुर मक्का व्यापारी से लूट मामले में पूर्णिया के पूर्व आइजी विनोद कुमार की रिपोर्ट को जांच में सही पाया गया है, इस मामले में पूर्व एसपी, पूर्व धमदाहा डीएसपी एवं इस मामले के अनुसंधानकर्ता सह थाना अध्यक्ष द्वारा निर्दोष को लूट के मामले में फंसाने का आरोप सही पाया गया है, इन तीनों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस महानिदेशक को रिपोर्ट भेज दी गयी है: विनय कुमार ङ्क्षसह अपर पुलिस महानिदेशक अपराध अनुसंधान विभाग पटना