भागलपुर जेल से सहरसा भेजे गए पूर्व सांसद आनंद मोहन

पूर्व सांसद आनंमोहन को इन दिनों जेल में हैं। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर आनंद मोहन को सहरसा से भागलपुर जेल भेज दिया गया है। सहरसा से उनकी पत्‍नी लवली आनंद चुनाव लड़ रहीं थी। इस कारण विधि व्यवस्था बहाली को लेकर विशेष केंद्रीय कारा भागलपुर लाया गया था।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Sun, 29 Nov 2020 02:23 PM (IST) Updated:Sun, 29 Nov 2020 02:23 PM (IST)
भागलपुर जेल से सहरसा भेजे गए पूर्व सांसद आनंद मोहन
भागलपुर से आनंद मोहन को सहरसा जेल ले जाया गया।

भागलपुर, जेएनएन। सहरसा जेल से भागलपुर की विशेष केंद्रीय कारा लाए गए पूर्व सांसद आनंद मोहन को रविवार को वापस सहरसा भेज दिया गया। उन्हें विधानसभा चुनाव पूर्व प्रशासनिक आदेश पर यहां की विशेष केंद्रीय कारा में शिफ्ट कराया गया था। पूर्व सांसद 21 अक्टूबर 2020 को सहरसा से भागलपुर लाए गए थे। यहां लाये जाने के विरोध में वो अनशन पर भी बैठे थे। काफी मशक्कत बात अन्न ग्रहण किया था। दरअसल पूर्व सांसद बिना किसी कसूर के सहरसा जेल से भागलपुर भेजे जाने को राजनीतिक साजिश मान रहे थे। इसलिए सहरसा से यहां भेजे जाने से नाराज हो अनशन पर थे। जेल प्रशासन ने तब काफी मशक्कत बाद उन्हें किसी तरह मनाया था।

कलेक्टर जी कृष्णैया हत्याकांड में उम्र कैद काट रहे पूर्व सांसद

आनंद मोहन विधानसभा चुनाव में विधि-व्यवस्था प्रभावित होने की संभावना को देखते हुए दो माह के लिए भागलपुर जेल में रखे गए थे। उन्हें 21 अक्टूबर 2020 को कड़ी सुरक्षा घेरे में सहरसा से भागलपुर लाया गया था। यहां उन्हें विशेष केंद्रीय कारा के अति सुरक्षित तृतीय खंड में रखा गया था। उनके कमर में दर्द की शिकायत पर सहरसा से कैदी वैन के बजाय एंबुलेंस से लाया गया था। कमर में दर्द की शिकायत पर सिविल सर्जन की अनुमति बाद एंबुलेंस मुहैया कराया गया था।

गोपालगंज के डीएम जी कृष्णैया हत्याकांड में हुए थे गिरफ्तार

गोपालगंज के डीएम रहे जी कृष्णैया की वर्ष 1994 में हुई हत्या में आनंद मोहन को गिरफ्तार किया गया था। उस हत्याकांड में वर्तमान में आजीवन कारावास काट रहे हैं। 2007 में हत्याकांड में उन्हें फांसी की सजा मिली थी। बाद में उच्च न्यायालय ने सजा को उम्र कैद में बदल दिया था। पांच दिसंबर 1994 को मुजफ्फरपुर में छोटन शुक्ला की हत्या बाद शव के साथ प्रदर्शन कर रही भीड़ ने उधर से गुजर रहे डीएम जी कृष्णैया की हत्या कर दी थी। तब भीड़ में आनंद मोहन, छोटन के भाई मुन्ना शुक्ला, पूर्व मंत्री अखलाक अहमद, अरुण कुमार, शशि शेखर, हरेंद्र कुमार, आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद को सजा सुनाई गई थी।

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