कोरोना की बना दी फर्जी रिपोर्ट
भागलपुर। अब कोरोना की फर्जी रिपोर्ट बनाने का खेल भी खेला जाने लगा है। इसके पीछे फर्जी ि
भागलपुर। अब कोरोना की फर्जी रिपोर्ट बनाने का खेल भी खेला जाने लगा है। इसके पीछे फर्जी रिपोर्ट लेने वाले व्यक्ति को भी आर्थिक लाभ है तो बनाने वाले कर्मचारी भी लाभ लेकर रिपोर्ट बना रहे हैं। ऐसा ही मामला जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल के कोरोना लैब में सामने आया है। मामला तब पकड़ा गया जब एक कंपनी ने रिपोर्ट की जांच करने का आग्रह अस्पताल अधीक्षक ने किया। जांच रिपोर्ट में अस्पताल अधीक्षक ने कहा कि दूसरे व्यक्ति के नाम से रिपोर्ट है।
भागलपुर के प्रियतम कुमार प्रियदर्शी नोएडा के एक कंपनी में कार्यरत हैं। कंपनी के हिमांशु कटारिया ने 24 नवंबर को अस्पताल अधीक्षक को ई मेल से कोरोना संबंधी रिपोर्ट जाली है या असली इसकी जानकारी मांगी। प्रियदर्शी की रिपोर्ट भी मेल द्वारा दी गई थी। अधीक्षक ने माइक्रोबायलॉजी विभाग को जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया। रिपोर्ट में यह बात स्पष्ट हुई की रिपोर्ट फर्जी है। बताया गया कि जिस व्यक्ति की रिपोर्ट निगेटिव भी उसे पॉजिटिव बना दिया गया। जिस सैंपल आईडी का उपयोग किया गया है वह निगेटिव है। जय बिहार कॉलोनी निवासी नवीन कुमार 14 नवंबर को सबौर में जांच करवाया था। इसकी संख्या आईडी एसवाईएएस-सीओवी-बीआई-बीजीपी 204610273 है। सैंपल की जांच जेएलएनएमसीएच में की गई थी। नवीन निगेटिव था। प्रियतम कुमार प्रियदर्शी के नाम 31 अक्टूबर को कोरोना लैब से जो रिपोर्ट जारी की गई है, उसकी भी आईडी संख्या आईडी एसवाईएएस-सीओवी-बीआई-बीजीपी 204610273 है। अस्पताल अधीक्षक डॉ. अशोक भगत ने कहा कि प्रियतम कुमार प्रियदर्शी की रिपोर्ट के नाम से नहीं है दूसरे व्यक्ति के नाम से रिपोर्ट बनाई गई है।