सेना बहाली में फर्जीवाड़ा : उमेश यादव बन गया बालाजी, जानिए किस तरह नाम और पता बदल कर हो रहे भर्ती

सेना में बहाली के लिए नाम और पता बदलने का खेल सामने आया है। इसका खुलासा स्कूल प्रधानाचार्य के मेल से हुआ है। मामला बांका जिला से जुड़ा है। निगरानी पदाधिकारी ने इसकी जांच शुरू कर दी है। भागलपुर नवगछिया मुंगेर में भी कई मामले सामने आ सकते हैं।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Fri, 22 Jan 2021 06:10 AM (IST) Updated:Fri, 22 Jan 2021 06:10 AM (IST)
सेना बहाली में फर्जीवाड़ा : उमेश यादव बन गया बालाजी, जानिए किस तरह नाम और पता बदल कर हो रहे भर्ती
सेना में बहाली के लिए नाम और पता बदलने का खेल सामने आया है।

भागलपुर [कौशल किशोर मिश्र]। फर्जी तरीके से प्रमाण पत्र तैयार कर सेना में बहाल होने का एक सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। सेना में बहाली के लिए किये गए फर्जीवाड़ा में बांका जिले के धोरैया बबूरा गांव निवासी उमेश यादव का नाम उजागर हुआ है। उमेश अपनी उम्र और पहचान छिपाते हुए दूसरे नाम से सेना में बहाल हो गया है। जिसकी जांच बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पटना के निगरानी पदाधिकारी ने शुरू कर दी है।

बांका के जिला शिक्षा पदाधिकारी से निगरानी पदाधिकारी ने लारण उच्च विद्यालय काठ बनगांव बांका, उच्च विद्यालय अमराहा से जुड़ी रिपोर्ट मांग ली है। उमेश ने सबौर महाविद्यालय भागलपुर से इंटरमीडिएट की परीक्षा 2002 और 2009 में पास दिखाया है। निगरानी पदाधिकारी ने इस संबंध में तिलकामांझी विश्वविद्यालय से भी संपर्क साधा है। सेना की बहाली में यह फर्जीवाड़ा बड़े पैमाने पर कटिहार से वर्ष 2011 में हुआ है जिसका भंडाफोड़ दस साल बाद हुआ है। इस फर्जीवाड़ा के प्रारंभिक जांच में एक उमेश के अलावा अभी दर्जनों उमेश के नाम सामने आने वाले हैं।

जिसके तार भागलपुर, बांका, नवगछिया, मुंगेर, खगडिय़ा, सहरसा, बक्सर, आरा, लखीसराय आदि जगहों से जुड़ जाएंगे। ऐसे दर्जनों लड़कों ने प्रमाण पत्र का फर्जीवाड़ा कर सेना में प्रवेश पाया है।

बांबे सैन्य इंजीनियरिंग ग्रुप, पुणे में तैनात है बालाजी

सितंबर 2011 में एआरओ कटिहार से बहाल हुए उमेश यादव की तैनाती अभी बांबे सैन्य इंजीनियङ्क्षरग ग्रुप में हवलदार क्लर्क के रूप में पुणे के करकी में है। सेना में लगभग दस साल काट चुका है।

पहचान बदल कर खेला खेल

उमेश यादव ने फर्जीवाड़ा गैंग के जरिये अपना नाम और उम्र छिपाते हुए नये प्रमाण पत्र के जरिए सेना में बहाल होने में सफल रहा। उमेश यादव ने नये प्रमाण पत्र में अपना नाम उमेश यादव के बदले उमेश बालाजी बताया है।

सैनिक ने ही किया भंडाफोड़

सेना की मेडिकल कोर में तैनात मुहम्मद अशफाक आलम ने सेना में फर्जीवाड़ा कर प्रवेश पाये उमेश यादव का भंडाफोड़ कर दिया। अशफाक को बहाली में प्रमाण पत्रों की हेराफेरी और उम्र छिपाकर फर्जी तरीके से बहाल रंगरूटों की भनक मिली थी। उसने वर्ष 2019 में आरटीआइ दाखिल की। फिर साक्ष्य जुटा पत्राचार किया। निगरानी पदाधिकारी ने मामले की गंभीरता समझ बांका और भागलपुर में मौजूद स्कूल और कॉलेज प्रधान की मदद से की गई हेराफेरी की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में फर्जीवाड़ा करने वालों के तगड़े नेटवर्क का पता चला है। माना जा रहा है मामले में शीघ्र बड़ी कार्रवाई सामने आ सकती है। 

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