Flood in Khagaria : कोसी-बागमती दियारा में 50 हजार लोग बाढ़ से प्रभावित, पशुओं के लिए चारा तक नहीं मिल रहा

खगडि़या में बाढ़ का प्रकोप लगातार जारी है। यहां पर अभी करीब 50 हजार की आबादी बाढ़ से प्रभावित है। इन लोगों को सरकारी सहायता भी नहीं मिल रहा है। सबसे अधिक परेशानी पशुपालकों को हो रही है।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 03:32 PM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 03:32 PM (IST)
Flood in Khagaria : कोसी-बागमती दियारा में 50 हजार लोग बाढ़ से प्रभावित, पशुओं के लिए चारा तक नहीं मिल रहा
खगडि़या में बाढ़ का प्रकोप लगातार जारी है।

जागरण संवाददाता, खगडिय़ा। कोसी- बागमती दियारा की रोहियार, सरसवा, बुच्चा और ठुठ्ठी मोहनपुर पंचायतें बाढ़ के पानी से घिर चुकी हैं। हरिदया पंचायत भी आंशिक रूप से बाढ़ की चपेट में है। 50 से 60 हजार लोग किसी न किसी रूप से बाढ़ से प्रभावित हैं। फसलें व पशुचारा डूब चुकी हैं। सड़कों पर पानी है। पैदल चलना खतरे से खाली नहीं है। इसके बावजूद अबतक बाढ़ सहाय्य कार्य शुरू नहीं किए गए हैं। इन गांवों के बाढ़ पीडि़तों को न एक छटाक अनाज नसीब हुआ है न सरकारी नावें चलाई गई हैं। कोई अधिकारी वहां झांकने तक नहीं गए हैं।

डूबने से हुई है दो की मौत

सरसबा पंचायत की वार्ड नंबर एक, दो, तीन, चार, पांच, छह में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। रोहियार पंचायत की वार्ड नंबर एक, दो, तीन, चार, पांच, छह, सात, आठ में बाढ़ का पानी दस्तक दे चुका है। लेकिन प्रशासनिक स्तर पर नाव नहीं दी गई है। बीते शनिवार को बंगलिया और पुरानी हरदिया में डूबने से एक बालक और एक किशोर की मौत हो गई।

क्या कहते हैं बाढ़ से पीडि़त लोग

बाढ़ पीडि़त मोहन ङ्क्षसह, उत्तम ङ्क्षसह, अशोक यादव आदि ने कहा कि बाढ़ के कारण राशन लाने बाजार जाना मुश्किल हो रहा है। गांव से एक किमी दूर धमारा घाट स्टेशन के पास बाजार है। लेकिन सरकार की ओर से नाव की व्यवस्था न किए जाने से प्रभावितों के लिए वहां जाना मुश्किल हो रहा है। निजी नाव ही एक सहारा है। जिससे आवागमन को लेकर शुल्क चुकाने पड़ते हैं। स्थानीय जिला परिषद सदस्य मिथिलेश यादव कहते हैं- कोसी-बागमती दियारा में बाढ़ का पानी फैल चुका है। आवागमन की समस्या है। लेकिन स्थानीय प्रशासन का ध्यान इस ओर नहीं है। बाढ़ पीडि़तों के बीच शीघ्र राहत-सहाय्य कार्य चलाने की जरूरत है। पर्याप्त संख्या में नाव चलाने की भी आवश्यकता है।

कोट

कुछ गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश किया है। कर्मचारी को वहां भेजकर प्रभावितों का आकलन कराया जा रहा है।

भरत भूषण ङ्क्षसह, सीओ, चौथम, खगडिय़ा।  

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