ब‍िहार में बाढ़: बागमती हुई उग्र, तेजी से कर रही कटाव, रतजगा कर रहे खगड‍ि़या के लोग

ब‍िहार में बाढ़ कटाव के मुहाने पर हैं कई घर छह माह से हो रहा है कटाव। कटाव निरोधक कार्य समिति यहां का ले चुकी है जायजा स्कीम को लेकर कर चुकी है अनुशंसा। देखना है कब मिलती है कार्य की स्वीकृति।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 02:56 PM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 02:56 PM (IST)
ब‍िहार में बाढ़: बागमती हुई उग्र, तेजी से कर रही कटाव, रतजगा कर रहे खगड‍ि़या के लोग
खगडि़या में बाागमती में बाढ़ का खतरा है।

खगडिय़ा [निर्भय]। छह माह से सुदूर बागमती दियारा के अग्रहण गांव में लगातार कटाव कर रही बागमती हाल की बारिश में उग्र हो गई है। उसके कटाव की गति तेज होने से कब किसका घर उसकी चपेट में पड़ जाए इस अंदेशे से लोग रतजगा कर रहे हैं। अधिकारी व जनप्रतिनिधि किंकर्तव्यविमूढ़ हैं। छह माह के दौरान अब तक तीन दर्जन घर नदी में समा चुके हैं। बागमती का जलस्तर बढऩे से एक बार फिर तेजी से अग्रहण गांव में कटाव शुरू हो गया है। बुधवार की अल सुबह तीन घर नदी में समा गए। रात में शांतनु चौधरी, अनिल चौधरी और गंगा चौधरी के घर चपेट में आ गए। इन तीनों के घर का आधा-आधा हिस्सा कट चुका है। सचेत लोगों के समय पर घरों से निकल जाने से उनकी जान बच गई। कई घर अब भी कटाव की जद में है।

एकाएक बागमती के बढऩे से शुरू हुआ कटाव का कहर

स्थानीय पांडव साह ने कहा कि बागमती के जलस्तर में एकाएक बढ़ोत्तरी हुई है। हमलोग रतजगा कर रहे हैं। एक बार यहां फ्लड फाइङ्क्षटग कार्य इस वर्ष हुआ था। लेकिन बागमती की उफान का उस पर असर नहीं दिख रहा है। कटाव पीडि़त दर-दर की ठोकरें खाने को विवश हैं। प्रशासनिक अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। चंदन चौधरी का छह सदस्यीय परिवार है और घर बागमती में विलीन हो चुका है। श्रीराम चौधरी के घर में पांच लोग हैं। इनके घर भी बागमती के गर्भ में समा चुके हैं। ये दोनों सड़क किनारे पन्नी टांगकर रह रहे हैं। जैसे-तैसे गुजर-बसर कर रहे हैं। कहते हैं- कोई ध्यान देने वाला नहीं है।

पूर्व में जिनके घर कटे हैं, उनमें 25 प्रभावितों को फूड पैकेट और प्लास्टिक सीट दिए जा चुके हैं। जीआर राशि भी दी गई है। घर कटने की रिपोर्ट ऊपर भेजे हैं। अभी पंचायत चुनाव को लेकर व्यस्तता है। नदी घटने और बढऩे दोनों स्थिति में कटाव करती है। - भरत भूषण स‍िंह, सीओ, चौथम।

अग्रहण को लेकर कटाव निरोधक कार्य समिति की ओर से वहां स्कीम दिए जाने की अनुशंसा की गई है। तीन नवंबर को तकनीकी सलाहकार समिति की बैठक है। जहां स्टीमेट प्रस्तुत किया जाएगा। - राजेश कुमार, एसडीओ, बाढ़ नियंत्रण अवर प्रमंडल-एक, सोनवर्षा घाट।

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