भागलपुर में बाढ़ : गंगा बनी रौद्र, कटाव की रफ्तार तेज, डीएम, एसएसपी और विधायक ने लिया जायजा
भागलपुर में लगातार बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। गंगा का जलस्तर बढ़ने लगा है। कई गांव कटाव के मुहाने पर हैं। बाढ़ की समस्या का जायजा लेने विधायक एसएसपी और जिलाधिकारी पहुंचे। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को कई निर्देश दिए हैं।
संवाद सहयोगी, भागलपुर। लगातार हो रही बारिश के कारण गंगा में पानी बढ़ रहा है वहीं दूसरी ओर पानी की धार से तीव्र कटाव जारी है। जिससे इस बार सबौर क्षेत्र के दर्जन भर गांव के वजूद पर संकट मड़रा रहा है। जागरण ने पिछले पखवाड़े से सबसे पहले और लगातार कटाव की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित कर रहा है। बढ़ते गंगा के रौद्र रुप को देखने डीएम सुब्रत कुमार सेन, एसएसपी निताशा गुड़िया, विधायक अली अशरफ सिद्दीकी सहित जिला प्रशासन शनिवार को इंगलिश गांव पहुंचा। वहां भीषण कटाव हो रहा है। फ्लड फाइटिंग का काम भी जिला प्रशासन द्वारा कराया जा रहा है। ताकि गांव सुरक्षित रह सके।
विधायक ने बाबूपुर से फरका होते हुए शंकरपुर तक रिंग बांध ही कटाव रोकने का विकल्प बताया। डीएम ने कहा कि अभी की स्थिति में रिंग बांध बनना संभव नहीं आने वाले समय में बनाया जाएगा फिलवक्त तत्काल कटाव रुके इस पर काम किया जा रहा है। उन्होंने ग्रामीणों को भरोसा दिया की कटाव रोका जाएगा।
मौके पर मुख्य रुप से जिला परिवहन पदाकारी फिरोज अख्तर, वरीय उप समाहर्ता ,बीडीओ प्रतीक राज, सीओ विक्रम भास्कर झा, थानेदार सुनिल कुमार झा, मुखिया रामबरन यादव, राजेंद्र मंडल, भागवत चौबे, गौतम कुमार आदि ग्रामीण उपस्थित थे।
गंगा कटाव की गूंज विधान सभा तक पहुंची
गंगा कटाव की समस्या की गूंज बिहार विधान सभा तक पहुंच गई है। स्थानीय विधायक अली अशरफ ने विधान सभा में मामला उठाया था साथ ही विधानसभा अध्यक्ष से भी पत्राचार और वर्चुअल मोड में हुई बैठक में भी मामला की जानकारी दिया। विधायक ने डीएम से भी स्थिति देखने की बात कही थी। उधर कांग्रेस के कार्यकारी जिला अध्यक्ष बिपिन बिहारी यादव ने भी कई बार पत्राचार कर सरकार का ध्यान इस ओर आकृष्ट किया है। ग्रामीणों ने भी कई बार आवेदन के माध्यम से जिला से पटना तक गंगा कटाव की समस्या की जानकारी दिया है। उधर जागरण ने भी अपनी सामाजिक सरोकार की जिम्मेदारी समझते हुए अक्सर गंगा कटाव का मामला उठाते रहा है। पटना मुख्यालय के निर्देश पर जिला प्रशासन कटाव रोकने के लिए सक्रिय दिख रहा है। बहरहाल, सरकार यदि इस मामले को पहले ही संजिदगी से लिया होता तो शायद गांव के वजूद पर संकट नहीं मड़राता।