बांका में बाढ़: आधे दर्जन गांवों का प्रखंडों से संपर्क भंग, चांदन डैम का जलस्‍तर 490 क्यूसेक फीट पर पहुंचा

बांका में बाढ़ बांका के कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। चांदन नदी का जलस्‍तर बढ़ा है। लोग गांव से पलायन कर रहे हैं। चांदन डैम का जलस्तर एक क्यूसेक फीट बढ़ गया है। सिंचाई विभाग के अभियंता हर दिन डैम पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 03:36 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 03:36 PM (IST)
बांका में बाढ़:  आधे दर्जन गांवों का प्रखंडों से संपर्क भंग, चांदन डैम का जलस्‍तर 490 क्यूसेक फीट पर पहुंचा
बांका में चांदन डैम का जलस्‍तर काफी बढ़ गया है।

जागरण संवाददता, बांका। बांका में बाढ़: बांका जिले में बाढ़ ने अपना कहर मचाना शुरू कर दिया है। चांदन नदी का जलस्‍तर काफी बढ़ गया है। जिला के बौंसी प्रखंड के के डकाई नदी में बाढ़ का पानी उफान पर आ गया है। इस वजह से करीब आधा दर्जन गांव का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से टूट गया है। नदी में उफान आने पर लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ज्ञात हो कि इस होकर सिकंदपुर, कहुआ सहित अन्य ग्रामीणों का आना जाना होता है।

इधर, चांदन डैम का जलस्तर एक क्यूसेक फीट बढ़कर 490 क्यूसेक फीट पर पहुंच गया है। डैम का जलस्तर पूरी तरह से भरने में अब दस क्यूसेक फीट कम रह गया है। डैम के केचमेंट एरिया में लगातार बारिश होने से डैम में पानी का बढ़ना लगातार जारी है। इसको लेकर सिंचाई विभाग के अभियंता हर दिन डैम पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं और इसका रिपोर्ट मुख्यालय को भेज रहे हैं। बारिश की स्थिति अगर तीन दिन और लगातार रहा तो डैम से पानी स्पेल होने लगेगा। हालांकि डैम का तेजी से भरने का एक मुख्य कारण गाद है।

डैम के तीन हिस्से पर अभी गाद का पूरी तरह से कब्जा जमा हुआ है। जिसके कारण डैम जल्द भर जाता है और जल्द खाली भी हो जाता है। पिछले चार वर्षों से चांदन डैम से सरकार द्वारा गाद निकालने की योजना फाइलों में ही घूम रहा है। सबसे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जून 2018 में चांदन डैम का जायजा लेने के बाद डैम से गाद निकालने की योजना बनाई थी। उसके बाद 20 नवंबर 2019 में बिहार सरकार के तत्कालीन जल संसाधन मंत्री संजय झा विभाग के अधिकारियों के साथ चांदन डैम पहुंचकर डैम की गाद निकालने की घोषणा की थी। पर यह महत्वपूर्ण योजना आजतक धरातल पर उतर नहीं पाई है । किसानों के लिए लाइफ लाइन माने जाने वाली चांदन डैम की स्थिति ऐसी है कि गर्मी के दिनों में प्यास बुझाने के लिए खुद तरस जाती है।

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