भागलपुर में बाढ़ की विभीषिका: बिंदोली तटबंध धवस्त ध्‍वस्‍त, कई गांवों में फैला बाढ़ का पानी, हजारों एकड़ फसल तबाह

भागलपुर में बाढ़ का कहर जारी है। इस्‍माइलपुर का बिंदोली तटबंध ध्‍वस्‍त हो गया है। इससे कई गांवों में बाढ़ का पानी फैल गया है। साथ ही इससे हजारों एकड़ में लगी फसल तबाह हो गई है। इससे किसानों को काफी नुकसान हुआ है।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Mon, 16 Aug 2021 09:49 AM (IST) Updated:Mon, 16 Aug 2021 09:49 AM (IST)
भागलपुर में बाढ़ की विभीषिका: बिंदोली तटबंध धवस्त ध्‍वस्‍त, कई गांवों में फैला बाढ़ का पानी, हजारों एकड़ फसल तबाह
इस्‍माइलपुर का बिंदोली टोला का तटबंध टूटने से फैला बाढ़ का पानी।

आनलाइन डेस्‍क, भागलपुर। भागलपुर में बाए़ का कहर जारी है। सबसे अधिक भयावह स्थिति नवगछिया में है। सोमवार को इस्‍माइलपुर का बिंदोली तटबंध धवस्त हो गया। इससे बाढ़ का पानी कई गांवों में फैल गया। इससे हजारों एकड़ में लगी फसल पूरी तरह तबाह हो गई। इस इलाके के लोग घर छोड़ कर रोड किनारे शरण लिए हुए हैं। 

अकबरनगर और नाथनगर में स्थिति भयावह 

इसके अलावा अकबरनगर और नाथनगर में भी स्थिति भयावह है। यहां पर एनएच-80 पर कई जगहों पर कई जगहा बाढ़ का पानी बह रहा है। साथ ही ग्रामीण इलाके में काफी पानी भर गया है। इससे बड़े वाहनों के परिचालन पर रोक लगा दिया गया है। 

कहलगांव का टूटा संपर्क 

सबौर के आगे एनएच-80 पर भी कई जगहों पर पानी बह रहा है। इससे कहलगांव से भागलपुर का संपर्क टूट गया है। कहलगांव के लोगों को सन्‍हौला होकर भागलपुर आना पड़ रहा है। इससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है। सबौर प्रखंड के ग्रामीण इलाकों में भी बाढ़ का पानी तेजी से फैल रहा है। इससे भी लोगों को काफी परेशानी हो रही है। 

प्रशासन की ओर से लगाया गया है राहत शिविर 

बाढ़ पीडि़तों के लिए जिला प्रशासन की ओर से हर संभव मदद की जा रही है। इसके लिए जगह जगह राहत शिविर लगाए गए हैं। साथ ही इन शिविरों में लोगों को खाने की दिक्‍कत न हो इसके लिए सामुदायिक किचेन शुरू किया गया है। 

पशुओं के लिए चारे की हो गई किल्‍लत

बाढ़ के कारण ज्‍यादातर इलाका पूरी तरह डूब गया है। इससे पशुओं के लिए चारे की भी समस्‍या हो गई है। किसानों को इसके लिए काफी मशक्‍कत करनी पड़ रही है। जिला प्रशासन की ओर से भी इसके लिए पुख्‍ता इंतजाम नहीं किए गए हैं। नाथनगर दियारा के ज्‍यादातर बाढ़ पीडि़तों ने विवि के टिल्‍लाह कोठी इलाके में शरण लिया है। लोगों ने बताया वे लोग तो सामुदायिक किचेन में भोजन कर लेते हैं, लेकिन पशुओं के लिए चारा उपलब्‍ध नहीं हो पा रहा है। 

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