मत्स्य पालन: प्रधानमंत्री विशेष पैकेज के तहत मिल रहा है 60 फीसदी अनुदान, बांका में होगा तालाब का निर्माण

मत्स्य पालन को लेकर केंद्र सरकार की ओर से कई प्रभावी कदम उठाए गए हैं। देशभर में मछली पालन में वृद्धि भी देखी जा सकती है। बिहार के कई जिलों में किसानों ने मछली पालन शुरू भी कर दिया है।

By Shivam BajpaiEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 08:10 AM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 08:10 AM (IST)
मत्स्य पालन: प्रधानमंत्री विशेष पैकेज के तहत मिल रहा है 60 फीसदी अनुदान, बांका में होगा तालाब का निर्माण
मत्स्य पालन: केंद्र सरकार की कई योजनाएं लागू।

संवाद सूत्र, बांका: जिले में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही है। इसमें नए तालाब का निर्माण, नई तकनीक से मछली पालन, नई तकनीक से मछली पालन का प्रशिक्षण आदि के लिए किसानों को जिले से बाहर भी भेजा जाता है। इससे किसान नई तकनीक से मछली पालन कर अपनी आमदनी को बढ़ा सके।

इसी के तहत जिले में मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए प्रधामंत्री विशेष पैकेज योजना के तहत जिले में नए तालाब के निर्माण और रियरिंग तालाब के निर्माण पर अनुदान दिया जा रहा है। इसके लिए किसान आनलाइन के माध्यम से 27 दिसंबर तक आवेदन कर सकते हैं।

जिला मत्स्य पदाधिकारी संजय कुमार किस्कु ने बताया कि प्रधानमंत्री विशेष पैकेज के तहत मत्स्य पालक किसानों को वित्तीय वर्ष 2020-21 के तहत विभाग द्वारा अनुसूचित जाति व जनजाति को 60 और अन्य श्रेणी को 40 फीसद अनुदान देगा। लाभुकों का चयन पहले आओ-पहले पाओं के आधार पर किया जाएगा। इसका लाभ लेने के लिए किसान विभाग की साइट पर आनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

मछली पालन के लिए होगा तालाब का निर्माण, मिलेगा 60 फीसद अनुदान प्रधानमंत्री विशेष पैकेज योजना के तहत 27 दिसंबर तक आनलाइन कर सकते हैं आवेदन रियरिंग तालाब के निर्माण पर छह लाख और नए तालाब के निर्माण पर सात लाख प्रतिहेक्टेयर पहले आओ-पहले पाओं के तर्ज पर मिलेगा योजना का लाभ

नए तालाब के निर्माण पर सात लाख की आएगी लागत

इस योजना के तहत रियरिंग तालाब के निर्माण पर छह लाख और नए तालाब के निर्माण पर सात लाख रुपया और प्रथम वर्ष में इनपुट पर डेढ़ लाख प्रति हेक्टेयर खर्च होगा। इस पर सरकार द्वारा सामान्य जाति के लिए 40 फीसद और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को 60 फीसद अनुदान दिया जाएगा। अधिक से अधिक किसानों को इसका लाभ मिले इसके लिए प्रचार प्रसार किया जा रहा है।

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