पहले चढ़ावा दीजिए तभी मिलेगा मृत्यु प्रमाण पत्र
पूर्व बिहार के सबसे बड़े जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के नाम पर बड़ा खेल चल रहा है। कोविड से मरे लोगों के स्वजनों को बिना चढ़ावा दिए प्रमाणपत्र नहीं दिया जा रहा।
भागलपुर। जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) में मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के नाम पर बड़ा खेल चल रहा है। कोविड से मरे लोगों के स्वजनों को बिना चढ़ावा दिए प्रमाणपत्र नहीं दिया जा रहा। उन्हें कोई न कोई बहाना बनाकर महीनों से दौड़ाया जा रहा है। वहीं, चढ़ावा देने वालों के स्वजनों के नाम का मृत्यु प्रमाण पत्र दस दिनों के अंदर बन जा रहा है।
जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय में तीन सौ से अधिक लोगों की कोरोना से मौत हुई है। लेकिन अभी तक 161 मृतकों का ही प्रमाण पत्र बना है। जिसकी सूची टांग दी गई है।
कोरोना से उजड़ गए कई परिवार
एक तरफ कोरोना की वजह से कई परिवार उजड़ गए। मृतकों के स्वजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। ऐसे हालात में भी अपनों के मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए स्वजनों को जेएलएनएमसीएच का चक्कर लगाना पड़ रहा है। जिन्होंने सुविधा शुल्क के नाम पर एक हजार से 15 सौ रुपये तक कर्मियों को दे दिया, उन्हें 10 से 15 दिनों के अंदर प्रमाण पत्र मिल गया।
कर्मचारी कर रहे मनमानी
अस्पताल का चक्कर लगा रहे मृतक के स्वजनों ने बताया कि मृत्यु प्रमाण पत्र देने में अस्पताल कर्मी मनमानी कर रहे हैं। सुविधा शुल्क मांगते हैं। नहीं देने पर बहाना बनाकर लौटा देते हैं।
...................... केस स्टडी 01
भरतशिला शंभूगंज निवासी शिव लोचन मंडल की पत्नी की मौत कोरोना संक्रमण से 15 मई को हो गई थी। उन्हें कोरोना पॉजिटिव होने के बाद 10 मई को जेएलएनएमसीएच में भर्ती कराया गया था। शिवलोचन ने अपनी पत्नी के मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए अस्पताल अधीक्षक को आवेदन दिया है। 15 दिन बाद भी उन्हें मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं मिला है।
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केस स्टडी 02
रंगरा निवासी गुड्डी कुमारी के पति अनिमेष कुमार सिंह की मौत 22 अप्रैल को जेएलएनएमसीएच में कोरोना संक्रमण से हो गई। 23 मई को मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आवेदन दिया गया। कर्मचारी ने इसके लिए पैसे मांगे। कई बार अस्पताल का चक्कर लगा चुकी गुड्डी को प्रमाण पत्र देने वाले कर्मी ने बताया कि एक माह के बाद ही प्रमाण पत्र मिलेगा। लेकिन राशि देने के बाद गुरुवार को मृत्यु प्रमाण पत्र मिल गया।
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केस स्टडी 03
अकबरनगर निवासी बेबी देवी के पति कपिल देव साह की मौत अप्रैल माह में जेएलएनएमसीएच में हुई थी। 25 दिन की भागदौड़ के बाद मृत्यु प्रमाण पत्र तो मिला पर वह भी गलत। सुधार के लिए फिर से अस्पताल अधीक्षक को आवेदन दिया गया है।
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केस स्टडी 04
नवगछिया अनुमंडल के पंचगछिया निवासी बासुकी कुमार उर्फ बिट्टू के पिता की मृत्यु बीते 12 अप्रैल को हो गई। 17 मई को मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आवेदन दिया गया। एक माह तक लगातार अस्पताल का चक्कर लगाने के बाद भी मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं मिला है। संबंधित विभाग के कर्मी हर दिन कोई न कोई बहाना बनाकर मृतक के स्वजन को लौटा दे रहे हैं। एक कर्मी ने तो नजराना भी मांग लिया।
.................... कोट..
आवेदनकर्ता द्वारा कोरोना पॉजिटिव होने की रिपोर्ट नहीं दिए जाने के कारण मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने में विलंब हो रहा है। मृत्यु से संबंधित साक्ष्य का पुख्ता होना जरूरी है।
- असीम कुमार दास, अधीक्षक, जेएलएनएमसीएच
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मृत्यु प्रमाणपत्र को लेकर अस्पताल अधीक्षक से कई बार बात हुई है। उन्हें जल्द से जल्द प्रमाण पत्र निर्गत करने के लिए कहा गया है। जिला प्रशासन का कंट्रोल रूप अस्पताल में चौबीस घंटे कार्यरत है। वहां कोई भी व्यक्ति अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। या फिर मेरे मेल या वाट्सएप पर भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। दो दिनों के अंदर काम हो जाएगा।
- सुब्रत कुमार सेन, जिलाधिकारी