टीएमबीयू की 22 बीघा जमीन से संबंधित फाइलें होंगी अपडेट, भू-माफ‍िया फर्जी तरीके से करना चाहते हैं खरीद-बिक्री

टीएमबीयू की 22 बीघा जमीन से संबंधित फाइलें अपडेट होंगी। इसके लिए विवि प्रशासन की ओर से कवायद शुरू कर दी गई है। इस जमीन पर भू माफ‍िया की नजर है। वे इसे फर्जी तरीके से खरीद बिक्री करना चाहते हैं।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Thu, 02 Dec 2021 11:30 AM (IST) Updated:Thu, 02 Dec 2021 11:30 AM (IST)
टीएमबीयू की 22 बीघा जमीन से संबंधित फाइलें होंगी अपडेट, भू-माफ‍िया फर्जी तरीके से करना चाहते हैं खरीद-बिक्री
टीएमबीयू की 22 बीघा जमीन से संबंधित फाइलें अपडेट होंगी।

जागरण संवाददाता, भागलपुर।  तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) का संस्कृत कालेज के सामने 22 बीघा जमीन है, जिस पर भू-माफिया कब्जा की साजिश करने में लगे हैं। इस मामले में बुधवार को समीक्षा हुई। प्रतिकुलपति प्रो. रमेश कुमार ने समीक्षा के दौरान प्राक्टर कार्यालय, लीगल शाखा और कुलसचिव कार्यालय से कई फाइलें मंगाई, जो विश्वविद्यालय के केस से जुड़े हुए थे। इस दौरान विवि के अधिवक्ता को भी बुलाया गया। विभिन्न केस से संबंधित करीब आधा दर्जन फाइलों को समीक्षा के दौरान रखा गया।

फाइलों को निकालने के बाद बाद पता चला कि सभी फाइलों में केस से जुड़ी अपडेट स्थिति की जानकारी नहीं है। इसके साथ न्यायालय की सत्यापित कापी को भी फाइलों में नहीं लगाया गया है। हालांकि विवि के मुताबिक कुछ मामलों में अधिवक्ता द्वारा पक्ष रखा जाता रहा है। इसके साथ जो भी कानूनी नोटिस आता है, उसका जवाब भी दिया जाता है। प्रतिकुलपति ने सबसे पहले संबंधित शाखा और अधिवक्ता को फाइलों को अपडेट करने का निर्देश दिया है। जिससे सारे दस्तावेज एक जगह हो जाएं।

प्रतिकुलपति ने अधिवक्ता से कहा है कि वे प्रत्येक केस की वर्तमान स्थिति की रिपोर्ट कोर्ट से पता कर तैयार करें। इसके साथ जो भी विश्वविद्यालय से जुड़े मामले हैं, कोर्ट से उसकी सत्यापित कापी निकालकर फाइलों में लगाने को कहा। इसके बाद विवि द्वारा समय-समय पर इसकी मानिटरिंग की जाएगी। जिससे विश्वविद्यालय मजबूत स्थिति में रहे।

22 बीघा जमीन मामले में प्रतिकुलपति ने प्राक्टर कार्यालय को अंचल का रसीद अपडेट कराने को कहा है। इसके लिए प्राक्टर कार्यालय द्वारा 2018 से 2022 तक का रसीद कटाने को लेकर नाथनगर अंचलाधिकारी को पत्र दिया गया है। उनसे जानकारी मांगी गई है कि इसमें कितने रुपये लगेंगे। रसीद कटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

प्रतिकुलपति ने समीक्षा के बाद कहा है कि इस संबंध में जल्द ही एक और बैठक बुलाई जाएगी।

जिसमें केस की स्थिति पर चर्चा होगी। केस से संबंधित जो भी जरूरी निर्णय होंगे, वह लिए जाएंगे। इस जानकारी से प्रभारी कुलपति को भी अवगत कराया जाएगा। बैठक में प्रतिकुलपति के अलावा डीएसडब्ल्यू डा. राम प्रवेश सिंह, प्राक्टर डा. रतन मंडल, कुलसचिव डा. निरंजन प्रसाद यादव, अधिवक्ता मनोज कुमार, इस्टेट शाखा के अमित कुमार, सोनू कुमार आदि मौजूद थे।  

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