पचास हजार का इनामी रमेश हेंब्रम कोलकाता से गिरफ्तार, इन दो राज्यों में दर्जनों केस हैं दर्ज

एसटीएफ और जिला पुलिस की संयुक्त टीम को मिली कामयाबी साल भर पूर्व ही पत्नी को प्रमुख पद पर काबिज कराने में हुआ था कामयाब।

By Dilip ShuklaEdited By: Publish:Sat, 19 Sep 2020 07:46 PM (IST) Updated:Sat, 19 Sep 2020 07:46 PM (IST)
पचास हजार का इनामी रमेश हेंब्रम कोलकाता से गिरफ्तार, इन दो राज्यों में दर्जनों केस हैं दर्ज
पचास हजार का इनामी रमेश हेंब्रम कोलकाता से गिरफ्तार, इन दो राज्यों में दर्जनों केस हैं दर्ज

 जमुई, जेएनएन। 50 हजार का इनामी कुख्यात अपराधी कर्मी रमेश हेंब्रम शुक्रवार को कोलकाता बस स्टॉप से गिरफ्तार कर लिया गया। रमेश का नक्सली संगठन से जुड़े रहने का भी इतिहास रहा है तथा इसकी तलाश बिहार और झारखंड के दो दर्जन मामलों में पुलिस को थी। इस गिरफ्तारी से जमुई, गिरीडीह और देवघर की पुलिस ने राहत की सांस ली है जबकि जिले के कई नेताओं की नींद उड़ गई है। यह कामयाबी एसटीएफ और जिला पुलिस की संयुक्त टीम को मिली है।

पुलिस अधीक्षक प्रमोद कुमार मंडल ने बताया कि रमेश जिले के वांछित टॉप टेन अपराधियों में शीर्ष पर था और इसकी गिरफ्तारी से अंतरराज्यीय लूट, डकैती, अपहरण, रंगदारी और हत्या जैसी वारदात पर लगाम कसने में सफलता मिलेगी। इसके पहले रमेश हेंब्रम तीन जून 2015 को सेंध काटकर कोर्ट हाजत से फरार हो गया था। जेल प्रवास के दौरान जेल से भी फरार होने की कोशिश की थी। रमेश हेंब्रम की भूमिका मलयपुर में व्यवसाई के घर बड़ी लूट में भी सामने आई थी। हाल ही में चंद्रमंडी थाना क्षेत्र अंतर्गत चिमनी भ_ा पर हमला कर मजदूरों को अगवा करने तथा लेवी वसूलने के मामले में भी इसका नाम सुर्खियों में रहा। लोजपा जिलाध्यक्ष रूबेन कुमार के इस्तीफे से रिक्त बरहट प्रखंड प्रमुख पद पर पत्नी उर्मिला को विराजमान करने में भी रमेश को एक साल पूर्व ही कामयाबी मिली थी। प्रमुख पद का ताज मिलने से चंद दिनों पहले ही जेल से जमानत पर रमेश रिहा हुआ था। पुलिस अधीक्षक ने कहा है कि इसकी गिरफ्तारी से पुलिस का मनोबल बढ़ा है तथा आम लोगों का भी पुलिस के प्रति विश्वास जगा है। उन्होंने टीम में शामिल सभी अधिकारियों व जवानों को पुरस्कृत किए जाने की भी बात कही है।

रमेश की गिरफ्तारी से उड़ी नेताओं की नींद

कुख्यात रमेश हेंब्रम के ताल्लुकात जिले के कई नेताओं से जग जाहिर हैं। पुलिस सूत्रों की माने तो प्रारंभिक जांच में उसके मोबाइल से एसएमएस और कॉल के कुछ प्रमाण भी मिले हैं। अब पुलिस सीडीआर खंगाल सफेदपोश संरक्षक एवं सहयोगियों के गिरेबान तक पहुंचने का संकेत दे रही है। पुलिस अधीक्षक ने भी कहा है कि ऐसे तत्वों को बेनकाब किया जाएगा जिसका संरक्षण आपराधिक व नक्सल गतिविधियों में शामिल लोगों को मिलता रहा है।

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