खेतों में उर्वरक डालने के लिए किसानों को अब दुकानदार देंगे पूरी जानकारी, इस तरह ले सकते हैं लाभ

किसानों को उचित मात्रा में खाद का प्रयोग करने के लिए लाइसेंसी दुकानदार अब खाद के साथ जानकारी भी देंगे। इससे किसान उचित मात्रा में फसल के अनुसार उर्वरक का प्रयोग कर सकते हैं। इसके लिए कृषि विभाग की ओर से लगातार कवायद की जा रही थी।

By Dilip ShuklaEdited By: Publish:Wed, 14 Oct 2020 05:12 PM (IST) Updated:Wed, 14 Oct 2020 05:12 PM (IST)
खेतों में उर्वरक डालने के लिए किसानों को अब दुकानदार देंगे पूरी जानकारी, इस तरह ले सकते हैं लाभ
विभाग द्वारा उर्वरक विक्रेताओं को दक्ष करने का काम शुरू कर दिया गया है।

सुपौल, जेएनएन। खेतों में उर्वरक प्रयोग की जानकारी के लिए किसानों को अब इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा। उन्हें यह जानकारी अब वहीं मिल जाएगी जहां से वे उर्वरकों की खरीद करेंगे। इसके लिए विभाग द्वारा उर्वरक विक्रेताओं को दक्ष करने का काम शुरू कर दिया गया है। ऐसे दुकानदार अब न सिर्फ खाद की बिक्री करेंगे बल्कि उनके पास उर्वरक के प्रयोग विधि की भी जानकारी रहेगी। किसानों द्वारा पूछने पर वे उर्वरकों के प्रयोग से लेकर उनकी मात्रा एवं समय के बारे में भी उन्हें बताएंगे। दरअसल सरकार ने खेती में धड़ल्ले से हो रहे रासायनिक खादों के प्रयोग पर लगाम लगाने के लिए यह तरीका अपनाया है। इसके लिए उर्वरक विक्रेताओं को सरकार ने प्रशिक्षित करने का फैसला लिया है। प्रशिक्षण के तहत पूर्व से उर्वरक के व्यवसाय से जुड़े कारोबारी और कारोबार से जुडऩे की इच्छा रखने वाले लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा। उर्वरक के लिए अनुज्ञप्ति लेने वाले इच्छुक लोगों को एग्रीकल्चर से स्नातक या फिर रसायन विज्ञान से स्नातक की डिग्री होना अनिवार्य होगा। जहां यह दोनों डिग्री नहीं है तो फिर उन्हें कृषि विभाग द्वारा आयोजित प्रशिक्षण में भाग लेना होगा। वैसे दुकानदार जो पूर्व से ही इस व्यवसाय से जुड़े हुए हैं उन्हें भी विभाग द्वारा प्रशिक्षण का हिस्सा बनना होगा। प्रशिक्षण उपरांत दिए गए प्रमाण पत्र दिखाने पर ही अनुज्ञप्ति का नवीकरण संभव हो पाएगा। फिलहाल विभाग द्वारा प्रशिक्षण का पहला चरण प्रारंभ कर दिया गया है जिसमें 30 प्रशिक्षणार्थियों को शामिल किया गया है।

समेकित पोषक तत्व प्रबंधन के तहत दिया जा रहा प्रशिक्षण

अब तक किसानों को उर्वरक प्रयोग की जानकारी के लिए किसान सलाहकार तथा किसान समन्वयकों पर निर्भर रहना पड़ता था जिससे किसानों को समय से जानकारी नहीं मिल पाती थी। जानकारी के अभाव में किसान रासायनिक उर्वरकों का अंधाधुंध प्रयोग कर मिट्टी की उर्वरा शक्ति को क्षीण कर रहे थे लेकिन उर्वरक विक्रेताओं को इसका प्रशिक्षण देने के बाद किसानों को अधिक जानकारी मिल पाएगी। फिलहाल विभाग उर्वरक विक्रेताओं को समेकित पोषण तत्व प्रबंधन के तहत प्रशिक्षण दे रहा है। किसी भी किसान के पास इस बात के लिए चिंता नहीं रहेगी कि उन्हें अमूक फसल में कौन उर्वरक कितनी मात्रा में देनी है।

रसायन विशेषज्ञों के माध्यम से फिलहाल अनुज्ञप्ति इच्छुक अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिसमें 30 प्रतिभागी को शामिल किया गया है। दूसरे चरण का प्रशिक्षण भी जल्द ही शुरू किया जाएगा। -समीर कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी।

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