भागलपुर के किसान लगाएंगे बेल, इमली और पाइन एप्पल, ऑनलाइन आवेदन कर इस तरह उद्यान विभाग से ले सकते हैं पौधे

भागलपुर में बेल इमली और पाइन एप्‍पल के पौधे लगेंगे। किसानों को पौधा उदयान विभाग की ओर से उपलब्‍ध कराया जाएगा। इसके लिए कवायद शुरू कर दी गई है। इसके लिए इच्‍छुक किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 08:12 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 08:12 PM (IST)
भागलपुर के किसान लगाएंगे बेल, इमली और पाइन एप्पल, ऑनलाइन आवेदन कर इस तरह उद्यान विभाग से ले सकते हैं पौधे
भागलपुर में बेल, इमली और पाइन एप्‍पल के पौधे लगेंगे।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। जिले में बेल व इमली की भी व्यावसायिक खेती होगी। पाइन एप्पल की खेती भी शुरू होगी। खेती अगर सफल रही तो इसका रकवा बढ़ाया जाएगा। बेल, इमली व पाइन एप्पल की मांग काफी अधिक है। इसकी खेती किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगी। इनके पौधे लगाने के लिए सरकार किसानों को प्रोत्साहित करने जा रही है। आम, केला, लीची, पपीता के बाद किसानों को बेल, इमली व पाइन एप्पल का भी पौधा अनुदानित दर पर सरकार उपलब्ध कराएगी। पौधे के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगा गया है। राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत क्षेत्र का विस्तार किया जाएगा।

200 हेक्टेयर में लगेंगे जर्दालू आम

जिले में सिर्फ उद्यान विभाग की ओर से 250 हेक्टेयर में आम के पौधे लगाए जाएंगे। इनमें से सिर्फ दो सौ हेक्टेयर में जर्दालू आम लगाए जाएंगे। उद्यान विभाग की नर्सरी में जर्दालू आम के सबसे अधिक पौधे तैयार किए गए हैं। मालदह व बंबई के अलावा बीजू आम के पौधे भी उपलब्ध है। यह पौधे किसानों को अनुदानित दर पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। आम के पौधे लगाने वाले किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। हॉर्टीकल्चर डॉट बिहार डॉट गोव डॉट इन पर किसानों को पौधे के लिए आवेदन करना होगा।

ग्लेडियोलस व लूज फ्लावर की भी होगी खेती

जिले में ग्लेडियोलस, लूज फ्लावर के साथ-साथ औषधीय व सुगंधित पौधे की भी खेती होगी। सौ हेक्टेयर में औषधीय व सुगंधित फूल की खेती होगी। जबकि दस हेक्टेयर में ग्लेडियोलस फूल की खेती होगी। 50 हेक्टेयर में लूज फ्लावर की खेती होगी। इसके लिए किसानों को उद्यान विभाग प्रोत्साहित करेगी। साथ ही अनुदान भी देगी। जिले में गुलाब, जरबेरा, गेंदा, रजनीगंधा, ग्लेडियोलस व अन्य शोभाकारी पौधे की खेती की अपार संभावनाएं हैं। साथ ही गुलदाउदी, कारनेशन, एंथुरियम, एस्टर एवं बेली चमेली को खेती भी जिले में हो सकती हैं। यहां की मिट्टी हर प्रकार के फूल के लिए अनुकूल है। सुगंधित पौधों में खस, सिट्रोनेला, लेमन ग्रास, पामारोजा जैसी फसलों की खेती होगी। औषधीय पौधों की खेती में अधिक-अधिक आमदनी और कम नुकसान होने के खतरे हैं। इन फसलों से विभिन्न अवधि में निरंतर आमदनी की जा सकती है।

एक एकड़ में होगी पाइन एप्पल की खेती

जिले में ट्रायल के तौर पर एक एकड़ में पाइन एप्पल की खेती होगी। यह खेती उद्यान विभाग की मदद से होगी। अगर ट्रायल सफल रहा तो अगले वर्ष से इसका रकवा बढ़ाया जाएगा। किशनगंज व पूर्णिया के इलाके में भारी पैमाने पर पाइन एप्पल की खेती होती है। इसको देखते हुए उद्यान विभाग में भागलपुर में भी इसकी खेती की योजना बनाई है।

जिले में राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत फल क्षेत्र का विस्तार किया जा रहा है। बेल, इमली के पौधे भी इस साल किसानों को अनुदानित दर पर उपलब्ध कराए जाएंगे। एक एकड़ में पाइन एप्पल की खेती कराने की भी योजना है।

फल रकवा

बेल दो हेक्टेयर

इमली एक हेक्टेयर

पाइन एप्पल एक हेक्टेयर

आम 250 हेक्टेयर

केला 120 हेक्टेयर

पपीता 20 हेक्टेयर

लीची 10 हेक्टेयर

औषधीय व सुगंधित फूल सौ हेक्टेयर

ग्लेडियूलस 10 हेक्टेयर

लूज फ्लावर 50 हेक्टेयर

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