यहां रतजगा कर रहे किसान, किस्मत को रौंद रहा सूअर...
जंगली सुअर ने इन दिनों सुपौल के किसानों का जीना हराम कर दिया है। जंगली सुअरों ने अब तक करीब 25 एकड़ फसल को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है। इससे किसान सहमे हुए हैं। रात में वे जग कर खेतों की रखवाली कर रहे हैंैं।
संवाद सूत्र, सरायगढ़(सुपौल)। सुपौल जिले के उत्तरी तथा पश्चिमी छोर पर अवस्थित सरायगढ़-भपटियाही प्रखंड के कोसी नदी से घिरे गांव में खेती प्रभावित होने लगी है। क्योंकि यहां जंगली जानवरों का आतंक काफी बढ़ गया है। पिछले कुछ वर्षों से झुंड बनाकर इस इलाके में विचरण करने वाले जंगली जानवरों में नील गाय, जंगली हाथी, जंगली गदहा, जंगली सूअर की संख्या काफी बढ़ गई है। यह जंगली जानवर मौका पाते ही किसानों के द्वारा कठिन मेहनत से लगाए गए फसल को खा जाते हैं और उसे नष्ट ही कर देते हैं। जानवरों के उपद्रव के कारण घाटे में जा रहे खेतिहर लोगों में से कइयों ने इस बार खेती नहीं की। ऐसे लोगों को अब परिवार के भरण पोषण के लिए दिल्ली पंजाब का सहारा लेना पड़ेगा। कोसी क्षेत्र के कई किसानों ने बताया कि जंगली जानवरों का आतंक पहले से भी रहा है लेकिन उसकी संख्या कम रहने के कारण फसल कम बर्बाद हुआ करता थी। परंतु देखते ही देखते इसकी संख्या में काफी इजाफा हुआ और वह अब लोगों के परेशानी का कारण बन चुका है।
शाहपुर में जंगली सूअर ने बनाया ठिकाना
प्रखंड के शाहपुर गांव में एक सप्ताह पूर्व जंगली सूअर के प्रवेश करने से लोगों में दहशत बढ़ गया है। चार से पांच की संख्या में जंगली सूअर वार्ड नंबर 5 में करीब 25 एकड़ खेत में लगी मकई के फसल को अपना ठिकाना बना चुका है। मकई खेत में सूअर के रहने से किसान वहां जाने से भय खा रहे हैं।
कहते हैं किसान
गांव के किसान मु. खलील ने बताया कि जंगली सूअर मकई के खेत में डेरा जमा चुका है और 3 दिन पूर्व एक महिला जब घास काटने पहुंची तो वह सूअर को देखते ही भाग खड़ी हुई और रास्ते में आ कर बेहोश हो गई। बताया कि महिला को बेहोशी हालत में डॉक्टर तक ले जाया गया जहां इलाज कराया गया है। उसके बाद से पूरे बस्ती में लोग सहमे सहमे से रहते हैं।
किसान श्याम सुंदर साह का कहना है कि उनके मकई खेत में सूअर के रहने से फसल की देखरेख नहीं हो पा रही है। सूअर मकई के फसल को भी क्षतिग्रस्त कर रहा है। उनका कहना है कि यदि समय रहते सूअर को बाहर नहीं निकाला गया तो मकई की बालियों को बर्बाद कर देंगे।
किसान राम गुलाब साह ने भी वहां मकई खेती कर रखा है और जंगली सूअर के प्रवेश से वह आशंकित हो उठे हैं। उनका कहना है कि मकई के खेत में जंगली सूअर के रहने से फसल की भारी बर्बादी होगी और इससे लोगों पर भी खतरा बना हुआ है। कहना है कि भूल से यदि कोई लोग मकई के खेत में पहुंच जाएंगे तो जंगली सूअर उस पर हमला कर देंगे और लोगों की जान चली जाएगी।
किसान राम नारायण ठाकुर, परमदेव साह, चंदन ङ्क्षसह सहित अन्य ने जानकारी देते बताया कि मकई के खेत में जंगली सूअर के पहुंचने की जानकारी पदाधिकारियों को दी गई है लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है।
रतजगा करने को विवश हैं लोग
एक सप्ताह से बस्ती के लोग रात में जग कर रहते हैं क्योंकि किसी भी समय सूअर लोगों के घर पर भी पहुंच सकता है। किसानों का कहना है कि प्रशासनिक अधिकारी जंगली सूअर को जल्द से जल्द गांव से बाहर करें अन्यथा किसी भी किसान का मकई का फसल सुरक्षित नहीं रह पाएगा। किसानों का कहना है कि वन विभाग के अधिकारी भी वहां नहीं पहुंच रहे।
शाहपुर गांव में जंगली सूअर के पहुंचने की जानकारी के बाद वन विभाग के अधिकारियों से संपर्क साधा जा रहा है। जल्द ही गांव से जंगली सूअर को बाहर निकलवाया जाएगा।
-संजय कुमार, अंचलाधिकारी।