बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद की हिदायत बाद भी भागलपुर की सफाई व्यवस्था बेपटरी
भागलपुर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। आटो टीपर व ट्रैक्टर का टूटा डाला गट्टा लगा किया जा रहा कूड़े का उठाव। चार में से दो जेसीबी खराब रखरखाव के अभाव में नौ माह पहले खरीदी गई जेसीबी हुई जर्जर।
जागरण संवाददाता, भागलपुर। उपमुख्यमंत्री की सख्त हिदायत के बाद भी शहर की सफाई व्यवस्था पटरी पर नहीं लौट पाई है। चार हजार की बैटरी के लिए रोबोट बेकार पड़ा हुआ है। आटो टीपर व ट्रैक्टर का भी डाला टूट गया है। चार में से दो जेसीबी खराब है। 10 वार्डों के आटो टीपर गोदाम में धूल फांक रहे हैं। रखरखाव के अभाव में बड़ी-बड़ी मशीनों के खराब पड़े होने से कूड़ा उठाव का काम प्रभावित हो रहा है। लिहाजा शहर में जगह-जगह गंदगी का अंबार लग गया है।
कहां क्या स्थिति
निगम के सिकंदरपुर जोनल कार्यालय में तीन माह से रोबोट खराब पड़ा हुआ है। जबकि दो माह पहले पुणे से उपकरण मंगवाकर इसकी मरम्मत कराई गई थी।
पार्षद संजय सिन्हा ने कहा कि मशीनों के मरम्मत की फाइलें अधिकारी के टेबल पर पड़ी हैं। अगर समय पर इसका टिपटारा कर दिया जाता तो स्थिति इतनी बदतर नहीं होती।
जर्जर हुआ आटो टीपर व ट्रैक्टर
आटो टीपर व ट्रैक्टर के खराब पड़े रहने से कई मोहल्लों से कूड़े का समुचित उठाव नहीं हो पा रहा है। जोनल कार्यालय चार में तीन, जोनल एक में दो, जोनल दो में तीन और जोनल तीन में दो आटो टीपर खराब पड़े हुए हैं। जबकि 45 में 40 आटो टीपरों का डाला क्षतिग्रस्त हो गया है। चदरा टूट जाने से कई जगह बड़े-बड़े छेद हो गए हैं। इसमें कागज का गट्टा रखकर कूड़े का उठाव हो रहा है। यही हाल दो बड़े और दो छोटे ट्रैक्टरों का है।
वार्ड में ठेले का अभाव, घर-घर कूड़ा उठाव की समस्या
शहर के 51 में से ज्यादातर वार्डों में कूड़ा उठाव नहीं होने से गंदगी पसरी हुई है। स्थिति यह कि कई जगह लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। बदबू और सढांध ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। 15 दिनों से वाहन उपलब्ध नहीं जा रहा है। सभी वार्डों में कूड़ा उठाव के लिए ठेला तक नहीं है। इससे घर-घर कूड़ा संग्रहण तक नहीं हो पाता है। वार्ड 27 के पार्षद उमर चांद ने बताया कि पांच ठेला में से चार खराब है। एक ठेला का मरम्मत उन्होंने खुद के खर्च से कराया।
वार्ड 31 की पार्षद शीला देवी के कहा कि यहां भी एक ठेले के भरोसे कूड़े का उठाव हो रहा है। निगम की ओर से बीते पांच वर्ष से ठेला व कूड़ेदान तक उपलब्ध नहीं कराया गया है।