सात दिन बाद भी सुपौल में कोसी बांध की नहीं हो सकी मरम्‍मत, निचले इलाके में बढ़ रहा बाढ़ का खतरा

सुपौल में कोसी के ध्‍वस्‍त बांध को दुरुस्‍त करने का काम जारी है। सात दिन बीत जाने के बाद भी अभी 25 मीटर तक बांध बांधना बाकी है। इससे निचले इलाके में पानी भरने लगा है। इससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 05:40 PM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 05:40 PM (IST)
सात दिन बाद भी सुपौल में कोसी बांध की नहीं हो सकी मरम्‍मत, निचले इलाके में बढ़ रहा बाढ़ का खतरा
सुपौल में कोसी के ध्‍वस्‍त बांध को दुरुस्‍त करने का काम जारी है।

संवाद सहयोगी, निर्मली (सुपौल)! कोसी नदी की पानी के तेज धारा से 125 फीट लंबाई में टूटा ग्रामीण सुरक्षा बांध को सात दिनों बाद भी नहीं बांधा जा सका है। गुरुवार को कटाव स्थल पर 25 फीट लंबाई में कार्य होना शेष है। बांध को बांधने में अभियंताओं एवं ठेकेदारों के पसीने छूट रहे हैं।

पहले दिन तो कटाव स्थल पर उपस्थित अभियंताओं एवं ठेकेदारों ने बांध बांधने को हल्के में लिया था। जैसे-जैसे दिन बीतता गया बांध बांधने का कार्य भयावह होता चला गया। शुरुआती दिनों में कटाव स्थल पर उपस्थित मुख्य अभियंता मनोज रमन ने तो यहां तक कह दिया था कि दो दिनों के अंदर बांध को बांध लिया जाएगा, किंतु सात दिन बीत जाने के बाद बांध नहीं बांधा जा सका है। अब और कितने दिन लगेंगे, यह कहना मुश्किल हो रहा है। हालांकि, कार्यस्थल पर अभियंताओं एवं ठेकेदारों के द्वारा बांध बांधने में पुरजोर कोशिश की जा रही है।

अभियंताओं की माने तो शेष बचे कटाव स्थल की गहराई काफी अधिक है। पानी की तेज धारा बह रही है। बोल्डर क्रेटिंग, बोरा क्रेटिंग, परकोपाइन, बांस पाइलिंग कराया जा रहा है। बावजूद कटाव स्थल की गहराई एवं तेज धारा पर काबू नहीं पाया जा रहा है।

ज्ञातव्य हो कि विगत 21 जुलाई को डगमारा पंचायत के चुटियाही गांव के निकट ग्रामीण सुरक्षा बांध कोसी नदी की तेज धारा के कारण टूट गया था। जिसे बांधने को लेकर दो दिनों तक पश्चिमी कोसी तटबंध के अभियंताओं ने रुचि नहीं दिखाई। यह कहते हुए टूटे हुए बांध को बांधने से इनकार कर दिया कि यह बांध हमारा नहीं है। फिर ग्रामीण सुरक्षा बांध टूटने के तीसरे दिन ही अति महत्वपूर्ण सिकरहटा-मझारी निम्न बांध सह सड़क भी 60 से 70 फीट की लंबाई में टूट गई।

अब अभियंताओं के सामने सिकरहटा मझारी बांध सह सड़क बांधने की चुनौती आ गई। जब तक ग्रामीण सुरक्षा बांध को नहीं बांधा जाता है तब तक सिकरहटा मझारी बांध को बांधना उन्हें असंभव लगने लगा। फिर अभियंताओं की टीम ने जिस ग्रामीण सुरक्षा बांध को बांधने से इनकार किया था उसी बांध को बांधने में अपनी रुचि दिखाते हुए बांधने का कार्य प्रारंभ कर दिया। अब एक नहीं दो बांध बांधने की जरूरत पर गई। हालात यह है कि अभियंताओं एवं ठेकेदारों की टीम लगातार कार्यस्थल पर कार्य कर रही है बावजूद ग्रामीण सुरक्षा बांध को नहीं बांधा जा सका है। इधर एक अभियंता ने बताया कि नई तरकीब के तहत एक दिन में ही बांध बांधने का कार्य किया जाएगा। प्रयास में सफलता मिली तो शुक्रवार को बांध बांधने का कार्य पूर्ण हो जाएगा।  

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