बांका के मालडीह पंचायत में पांच साल बाद भी ग्रामीणों को पेयजल नसीब नहीं, यहां विश्व बैंक ने लिया था गोद, जानिए वजह

यहां विश्व बैंक ने शुद्ध पानी के लिए पंचायत को गोद लिया है। इस कारण वर्ष 2016 - 17 में करीब दो करोड़ की लागत से जलमीनार निर्माण कराया है। पर विभाग की शिथिलता के कारण पांच वर्ष बाद भी पूरे मालडीह पंचायत को पानी नहीं हो रहा है।

By Amrendra kumar TiwariEdited By: Publish:Wed, 24 Feb 2021 04:12 PM (IST) Updated:Wed, 24 Feb 2021 04:12 PM (IST)
बांका के मालडीह पंचायत में पांच साल बाद भी ग्रामीणों को पेयजल नसीब नहीं, यहां  विश्व बैंक ने लिया था गोद, जानिए वजह
पंचायत में विश्‍व बैंक की मदद से पानी टंकी बना पर शुद्व पेयजल लोगों को नसीब नहीं।

बांका [अमरकांत मिश्रा] । प्रखंड मुख्यालय से करीब आठ किलोमीटर की दूरी पर स्थित मालडीह पंचायत की एक अलग पहचान है। यहां विश्व बैंक ने शुद्ध पानी के लिए पंचायत को गोद लिया है। इस कारण वर्ष 2016 - 17 में करीब दो करोड़ की लागत से जलमीनार निर्माण कराया है। वहीं, कुछ वार्डों में घर - घर तक पानी भी पहुंचने लगा है। पर विभाग की शिथिलता के कारण पांच वर्ष से भी अधिक समय बीतने के बाद भी पूरे पंचायत को पानी नहीं हो रहा है। एक ही छत के नीचे सभी योजनाओं की जानकारी के लिए करीब 50 लाख की लागत से पंचायत सरकार भवन बनकर तैयार है। इसके बाद भी अब तक किसी कर्मियों की नियुक्ति नहीं की गई है।

पंचायत की पहचान

पंचायत में कुल 7148 मतदाता हैं। जिसमें 12 वार्ड और चार हल्का है। इसके अलावा पंचायती राज विभाग के तहत ठोस , कचरा , अवशिष्ट प्रबंधन के तहत पंचायत को स्वच्छ बनाने की तैयारी का काम लगभग पूरा हो चुका है। प्रखंड का यह दूसरा पंचायत है , जिसे पंचायतीराज विभाग द्वारा स्वच्छता की शुरूआत होगी।

पंचायत की समस्या

पंचायत में आबादी के हिसाब से विद्यालय एवं स्वास्थ्य केंद्र की समुचित व्यवस्था नहीं है। पंचायत में एक भी पशु अस्पताल नहीं है। खेल मैदान , सरकारी तालाब का अतिक्रमण हो रहा है। जिस पर सरकार का कोई ध्यान नहीं है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़कों की स्थिति ठीक नहीं है।

पंचायत की भौगोलिक स्थिति

मालडीह पंचायत के पश्चिम लोहागढ़ नदी दो पंचायतों के सीमा को बांधती है। एक दशक पूर्व इस नदी से क्षेत्र का सैकड़ों एकड़ भूमि सिंचित होती थी। पर बालू माफियाओं द्वारा नदी का बालू उत्खनन कर स्वरूप बिगाड़ दिया है।

धार्मिक स्थल

पंचायत में वर्षों पुरानी राम जानकी ठाकुरबाड़ी व शिव मंदिर है। ग्रामीणों द्वारा पार्वती मंदिर का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। वर्ष 2016 में ठाकुरबाड़ी से अष्टधातु की राम जानकी की मूर्ति की चोरी हुई थी। पुलिस अब तक इस कांड का उदभेदन नहीं कर सकी है।

मुखिया का दावा

पंचायत के मुखिया लालमनि देवी ने बताया कि स्वच्छता , सात निश्चय , मनरेगा , खेती किसानी सहित अन्य क्षेत्र में काम किया जा रहा है। सरकार के नशा उन्मूलन , दहेज एवं बाल विवाह , पर्यावरण संचयन , कोरोना काल सहित हरेक जनकल्याणकारी योजनाओं में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। सरकारी योजनाओं में पशु शेड , बकरी , मुर्गी शेड , शौचालय का निर्माण कराया गया। राशन - केरोसिन , पीएम आवास , समाजिक सुरक्षा पेंशन , दिव्यांग पेंशन सहित अन्य तरह का लाभ दिलाया गया। ठोस , कचरा , अवशिष्ट योजना के तहत पंचायत को स्वच्छ बनाने की तैयारी करने का काम पूरा कर लिया गया है।

ग्रामीणों की राय

पांच वर्षों के दौरान पंचायत में विकास कार्य हुआ है। ठाकुरबाड़ी से चोरी गई अष्टधातु की मूर्ति का पता आजतक नहीं लग सका है। इसमें पुलिस प्रशासन की कार्यशैली से नाराजगी है।

माधव प्रसाद सिंह , पूजा समिति के अध्यक्ष

पंचायत में मात्र एक उपस्वास्थ्य केंद्र है , और एक भी पशु अस्पताल नहीं है। इससे पशुपालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

ज्योतिष प्रसाद सिंह

पिछले पांच वर्षों से पंचायत सरकार भवन हाथी के दांत साबित हुए हैं। यदि सरकारी काम शुरू हो जाए तो लोगों को सुविधा मिलेगी।

दीपनारायण सिंह

मुखिया के सहयोग से उज्जवला योजना का लाभ मिला है। पंचायत में एक अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र खुलने से महिलाओं को आसानी होगी।

धनवंती देवी

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