सृजन घोटाले में करोड़ों की बेनामी संपत्तियों का पता लगाने में जुटा प्रवर्तन निदेशालय
भागलपुर [कौशल किशोर मिश्र] करोड़ों के सृजन घोटाले की जद में आए दागियों की उन बेनामी
भागलपुर [कौशल किशोर मिश्र]
करोड़ों के सृजन घोटाले की जद में आए दागियों की उन बेनामी संपत्तियों का पता लगाने में सीबीआइ और प्रवर्तन निदेशालय की टीम जुट गई है जो अबतक उनकी पहुंच में बाहर थे। सृजन के दागियों में पीके घोष, विपिन शर्मा से पूछताछ में ऐसी बेनामी संपत्तियों की जानकारी सामने आई है। घोटाले की करोड़ों की रकम भागलपुर के अलावा अन्य शहरों और दूसरे राज्यों में निवेश की गई है।
बताया जा रहा है कि भागलपुर, बांका, पूर्णिया समेत झारखंड के देवघर, धनबाद, रांची और कोलकाता, सिलीगुड़ी और दार्जलिग में करोड़ों की बेनामी संपत्तियां खरीदी गई हैं। करोड़ों की रकम के निवेश में दोनों ने शहर के अपने विश्वस्त चार व्यवसायियों का सहयोग लिया था। निवेश कराने में सहयोग करने वाले उन चारों व्यवसायियों को प्रवर्तन निदेशालय ने रडार पर ले लिया है। तकनीकी निगरानी के जरिये उनके विरुद्ध अहम साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। साक्ष्य संकलन में कामयाबी मिलने की बात कही जा रही है। जल्द ही उनसे पूछताछ भी की जा सकती है। सृजन की खेवनहार मनोरमा देवी के जीवित काल में पीके घोष और विपिन ने घोटाले की मोटी रकम दूसरे जगहों पर जमीन, फ्लैट, कोठियों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में निवेश कराने लगे थे तब रकम और मोटी लेन-देन पर नजर रखने वाले मनोरमा देवी के बेटे अमित कुमार ने अड़ंगा लगाना शुरू कर दिया था।
नवगछिया, सबौर और बांका में सक्रिय चंद जरायम पेशेवरों से तब अमित कुमार पर दबाव बनाने का भी प्रयास खूब चर्चा में आया था। बताया जाता है कि अमित को तब इस बात का एहसास होने लगा था कि पीके और विपिन मोटी रकम मां मनोरमा देवी की जानकारी से अलग भी निवेश कर रहे हैं। अमित के विरोध दर्ज कराते ही मनोरमा से नजदीकी बनाने वाले दोनों दागियों ने भी दूरी बनानी शुरू कर दी। तब यह बात भी सामने आने लगी थी कि मोटी रकम का निवेश अपनी मर्जी से दोनों कराने में लगभग कामयाब रहे थे। अमित की रोक-टोक के बाद ही सृजन घोटाले से जुड़ी कई अहम जानकारियां बाहर आने लगी थीं। निवेश की गई करोड़ों की रकम और निवेश करने वाले चार व्यवसायियों में दो ने अपने रिश्तेदारों के नाम बेंगलुरु में भी कोठियां भी खरीद रखी हैं। भागलपुर में बाइपास, समेत भागलपुर-बौंसी मुख्य मार्ग, देवघर में व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में निवेश के अलावा धनबाद के छपरा मोड़ और रांची के बरियातू और हरमू में भी मोटी रकम निवेश किए जाने की बात कही जा रही है। सृजन महिला विकास सहयोग समिति के नाम से संचालित संस्थान से लोन लेने वाले लगभग एक दर्जन उन लोगों की भूमिका की भी जांच की जा रही है, जिनके खाते से मोटी रकम की लेन-देन लोन के नाम पर कर उन व्यवसायियों को उपलब्ध कराए गए हैं।