विक्रमशिला में पर्यटकों के लिए अर्जित 11 एकड़ जमीन पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा, सरकारी जमीन पर खेती
कहलगांव में विक्रमशिला विवि की जमीन अवैध तरीके से उगाए जा रहे फसल कोई देखने वाला नहीं। विक्रमशिला महोत्सव के समय किसानों को देना पड़ता है मुआवजा। इस जमीन पर होना है कैफिटेरिया साइनेज पर्यटक विश्राम ग्रह मंच आदि का निर्माण।
भागलपुर [विजय कुमार विजय]। विक्रमशिला में पर्यटकों के ठहराव एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए अर्जित की गई 11 एकड़ जमीन पर अतिक्रमणकारियों ने कब्जा जमा लिया है। इस जमीन पर वे अवैध ढंग से फसल उगा रहे हैं और कोई कहने-सुनने वाला नहीं है। उपेक्षा का आलम यह कि 10 साल बीत जाने के बाद भी इस जमीन की घेराबंदी तक नहीं कराई गई है।
इसकी वजह से विक्रमशिला महोत्सव के समय जिला एवं अनुमंडल प्रशासन को इस जमीन से कब्जा हटाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है। इस बारे में जब भी अधिकारी से पूछा जाता है वे पत्राचार किए जाने की बात कह बात को टाल देते हैं।
2017 में जब राष्ट्रपति विक्रमशिला आये थे उस वक्त इसी जमीन पर सभी हेलिपेड बनाए गए थे। अतिक्रमणकारियों ने इस जमीन पर हनुमानजी की एक प्रतिमा रख दी है। यही नहीं महोत्सव के समय इस जमीन पर फसल उपजाने वाले किसानों को मुआवजा तक देना पड़ता है। अॢजत जमीन की घेराबंदी हो जाती है तो सरकार का काफी पैसा बचता।
ओरियप पंचायत के मुखिया त्रिभुवन शेखर झा उर्फ बाबू झा ने कहा कि दो दशक पहले यहां कैफिटेरिया निर्माण के लिए फंड आवंटित हुआ था। पर जमीन के अभाव में फंड लौट गया। फिलहाल, विक्रमशिला में पर्यटकों की सुविधा के लिए कुछ भी नहीं है। दो दशक पहले राज्यसभा सदस्य के फंड से पर्यटक विश्राम भवन बना था जिसमें अंतीचक थाना चल रहा है। एक तरफ राज्य सरकार पर्यटन क्षेत्र के विकास और पर्यटकों को सुविधा मुहैया कराने को प्रयासरत है, वहीं दूसरी ओर ध्यान नहीं दिए जाने के कारण विक्रमशिला महाविहार उपेक्षित पड़ा हुआ है।
अंतीचक पंचायत की मुखिया ललिता देवी ने पर्यटन विभाग से अॢजत जमीन की घेराबंदी कराने और पर्यटकों की सुविधा का विस्तार कराए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यहां सुविधा बढऩे से पर्यटकों की संख्या में काफी बढ़ोतरी होगी।