कटिहार में मेयर और उपमेयर का चुनाव 20 अगस्त को, पर्दे के पीछे चल रहा शह-मात का खेल
कटिहार में पांच महीने से मेयर व डेढ़ माह से उपमेयर का पद रिक्त पड़ा है। चुनाव में निगम पार्षदों को अपने अपने पक्ष में करने के लिए गोलबंद करने को लेकर कवायद तेज हो गई।
कटिहार, जेएनएन। राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश पर नगर निगम के मेयर व उपमेयर का चुनाव 20 अगस्त को कराया जाएगा। मेयर उपमेयर चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी के बीच निगम पार्षदों को अपने खेमे में करने के लिए हॉर्स ट्रेनिंग की कवायद भी शुरू हो गई है। बताते चलें कि पांच महीने से मेयर व डेढ़ माह से उपमेयर का पद रिक्त पड़ा है। इस कारण निगम के सामान्य परिषद की न तो कोई बैठक हो पा रही है और न ही विकास कार्य संबंधी कोई प्रस्ताव लिया जा रहा है। मार्च महीने में उच्च न्यायालय के निर्देश पर वर्ष 2019 में निवर्तमान मेयर विजय ङ्क्षसह पर लगे अविश्वास प्रस्ताव को लेकर विशेष बैठक व पुनर्मतदान कराया गया था। पुनर्मतदान में मेयर को अपनी कुर्सी से हाथ धोना पड़ा था। उपमेयर पर लगे अविश्वास प्रस्ताव को लेकर 13 जून को विशेष बैठक व वोङ्क्षटग में मंजूर खान के सिर से उपमेयर का ताज छिन गया था। निवर्तमान मेयर व उपमेयर के बीच आपसी खेमेबाजी खुलकर सामने आई थी। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा मेयर व उपमेयर पद के लिए चुनाव की तिथि निर्धारित किए जाने के साथ ही राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। नगर निगम के 45 पार्षदों को अपने अपने पक्ष में करने के लिए राजनीतिक जोड़ तोड़ भी शुरू हो गई है। मेयर पद पर अपने चहेते को काबिज कराने में राजनीतिक दिगगज की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी रहती है। अप्रत्यक्ष रूप से ही निगम पार्षदों की खेमेबाजी में जनप्रतिनिधियों की भूमिका भी अहम रहती है। 20 अगस्त को होने वाले चुनाव में निवर्तमान मेयर विजय ङ्क्षसह की दावेदारी भी तय मानी जा रही है। पूर्व उपमेयर पुष्पा देवी द्वारा कड़ी टक्कर देने को लेकर तैयारी की जा रही है। हलांकि उपमेयर पद के लिए स्थिति अभी स्पष्ट नहीं हो पाई है।
निगम पार्षदों की गोलबंदी की कवायद हुई तेज
मेयर व उपमेयर पद के लिए होने वाले चुनाव में निगम पार्षदों को अपने अपने पक्ष में करने के लिए गोलबंद करने को लेकर कवायद तेज हो गई। नगर निगम के अधिकांश पार्षद शहर में ढूंढने से नहीं मिल रहे हैं। रात के अंधेरे में अलग अलग खेमे द्वारा बैठकों का दौर भी जारी है। मेयर व उपमेयर पर लगे अविश्वास प्रस्ताव पर पिछले दिनों हुई विशेष बैठक एवं वोङ्क्षटग में यह बात खुलकर सामने आई थी कि निवर्तमान मेयर के पक्ष के अधिकांश पार्षदों ने वोङ्क्षटग में भाग नहीं लिया था। मेयर, उपमेयर के चुनाव में पार्षदों को अपने पक्ष में करने के लिए हर तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। ऊंट किस करवट बैठेगा यह 20 अगस्त को होने वाली वोटिंग के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। जिला प्रशासन व नगर निगम द्वारा चुनाव को लेकर तैयारी की जा रही है।