Effect of Chaturmas on Bhagalpur market : चार महीने तक नहीं होगा शुभ कार्य, अब पर्व-त्‍योहार से व्‍यवसायियों को उम्‍मीद

Effect of Chaturmas on Bhagalpur market लाकडाउन के बाद अब भागलपुर के मार्केट पर चर्तुमास का असर पड़ने लगा है। अगले चार महीने तक कोई भी शुभ कार्य का आयोजन नहीं होगा इससे कारोबार पर असर पड़ेगा। हालांकि पर्व-त्‍योहार से कारोबारियों को उम्‍मीद है।

By Abhishek KumarEdited By: Publish:Wed, 21 Jul 2021 12:04 PM (IST) Updated:Wed, 21 Jul 2021 12:04 PM (IST)
Effect of Chaturmas on Bhagalpur market : चार महीने तक नहीं होगा शुभ कार्य, अब पर्व-त्‍योहार से व्‍यवसायियों को उम्‍मीद
लाकडाउन के बाद अब भागलपुर के मार्केट पर चतुर्मास का असर पड़ने लगा है।

भागलपुर [प्रशांत]। कोरोना संक्रमण पर अंकुश लगाने के लिए लगाए गए लाकडाउन ने बाजार पर प्रतिकूल असर डाला। व्यवसायिक गतिविधि लगभग ठप हो गई थी। कोरोना संक्रमण की रफ्तार धीमी पडऩे के बाद अनलाक की प्रक्रिया शुरू की गई। अनलाक में अब भी बाजार में दुकानें अल्टरनेट डे (एक दिन बाद एक दिन) खुल रही हैं। लगन के कारण बाजार में रौनक लौटी थी, लेकिन अब चतुर्मास आरंभ हो गया है।

मंगलवार को देवशयानी एकादशी के बाद से ही चतुर्मास की शुरुआत हो गई है। ऐसी मान्यता है कि चतुर्मास में लगन सहित शुभ कार्य बंद हो जाते हैं। चार महीने तक लगन की तिथि नहीं होने के कारण भागलपुर में तीन सौ से अधिक के कारोबार के प्रभावित होने की आशंका है। लाकडाउन के बाद अब चतुर्मास ने व्यवसायियों की परेशानी बढ़ा दी है। व्यवसायी की माने तो लगन के समय भागलपुर में प्रतिदिन सिर्फ पांच से सात करोड़ के आभूषण बिक जाते हैं। वहीं, दो से पांच करोड़ का जूता-चप्पल और कपड़े का कारोबार होता है। व्यवसायी अब पर्व त्योहार से उम्मीद लगाए हुए हैं। दुर्गा पूजा, काली पूजा जैसे त्योहार बाजार को ताकत दे सकते हैं।

व्यवसायी की सुनें

कोरोना संक्रमण के कारण घोषित लाकडाउन ने बाजार को पूरी तरह से प्रभावित किया। बाजार 20 से 25 फीसदी तक रह गया। अनलाक में भी सरकार ने एक दिन बाद एक दिन दुकान खोलने की अनुमति दी। इस निर्णय ने भी व्यवसाय को प्रभावित किया। कोरोना के मरीज मिलने लगभग कम हो गए। ऐसे में सरकार को प्रत्येक दिन दुकान खोलने की अनुमति देनी चाहिए। बीते एक महीना में लगन के कारण बाजार में रौनक लौटी थी, लेकिन चतुर्मास के बाद बाजार एक बार फिर से नीचे चला जाएगा। व्यवसाय के लिए सावन और भादो का महीना सबसे सुस्त माना जाता है। -विशाल आनंद, संचालक विशाल स्वर्णिका ज्वेलर्स, भागलपुर

कोरोना संकट के कारण कपड़ा व्यवसाय पर प्रतिकूल असर पड़ा है। कारोबार महज दस फीसदी पर सिमट गया है। लगन का समय कपड़ा व्यवसाय के लिए काफी अनुकूल माना जाता है। चतुर्मास में कोई लगन नहीं होगा, तो कपड़ा की बिक्री पर प्रतिकूल असर पड़ेगा ही। इस बार बकरीद का बाजार भी फीका रहा। अब दुर्गा पूजा के समय ही बाजार की स्थिति सुधरेगी।

रोहित कुमार, संचालक प्रगति गारर्मेंट

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