शोध थिसिस में 10 प्रतिशत से ज्यादा नकल तो कार्रवाई
भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) शोध में धड़ल्ले से नकल करने वालों के ख्ि
भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) शोध में धड़ल्ले से नकल करने वालों के खिलाफ यूजीसी के नए नियमों के तहत शिकंजा कसेगा। पूर्व में टीएमबीयू के एकेडमिक काउंसिल की बैठक में नए नियमों को दरकिनार कर थिसिस में 35 प्रतिशत तक नकल की अनुमति दी गई, किंतु यूजीसी के नए नियमों के तहत 10 ही प्रतिशत तक नकल मान्य है। इस कारण टीएमबीयू की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने यूजीसी का रेगुलेशन लागू करने का निर्देश दिया है।
थिसिस जांच के समय जानकारी मिलने पर बिफरी थीं कुलपति
कुलपति तीन दिन पूर्व निरीक्षण के लिए सेंट्रल लाइब्रेरी गई थीं। वहां निदेशक डॉ. इकबाल अहमद ने थिसिस जांच की जानकारी दी। इस लेकर कुलपति ने जब उनसे सवाल किया कि कितने प्रतिशत तक नकल को टीएमबीयू मान रहा है। निदेशक ने बताया कि 35 प्रतिशत तक नकल मान्य है। जब कुलपति ने कहा कि यूजीसी के मुताबिक यह 10 प्रतिशत तक ही होना है। तब निदेशक ने कहा कि सूबे के दूसरे विश्वविद्यालय में यह लागू नहीं है। इस पर कुलपति का स्पष्ट संवाद था कि टीएमबीयू में नए मानक ही माने जाएंगे।
2018 में संशोधन के बाद किए गए नए प्रावधान
यूजीसी द्वारा 2018 में नया संशोधन लाया गया, जिसमें थिसिस में 10 प्रतिशत ही नकल की बात मानने की बात कही गई। टीएमबीयू में इस नियम को लागू करने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया, किंतु बैठक नहीं होने से इस पर किसी तरह का निर्णय नहीं लिया गया। तब से लेकर अब तक टीएमबीयू के गाइड और शोधार्थियों को थिसिस में 35 प्रतिशत तक की नकल को छूट दी गई। लाइब्रेरी में लगातार थिसिस जांच चल रही है।