शिक्षा से होता है व्यक्तित्व निर्माण : कुलपति

शिक्षा से ही व्यक्तित्व का निर्माण होता है। इससे समाज देश एवं अपने परिवेश को समझते हैं। पहले आपस में मिलते हैं विचार-विर्मश करते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 26 Feb 2021 05:05 AM (IST) Updated:Fri, 26 Feb 2021 05:05 AM (IST)
शिक्षा से होता है व्यक्तित्व निर्माण : कुलपति
शिक्षा से होता है व्यक्तित्व निर्माण : कुलपति

भागलपुर । शिक्षा से ही व्यक्तित्व का निर्माण होता है। इससे समाज देश एवं अपने परिवेश को समझते हैं। पहले आपस में मिलते हैं, विचार-विर्मश करते हैं। फिर उसे निकले हुए सार को क्रियान्वयन का रूप देते हैं। यह बातें मुंगेर विश्वविद्यालय, मुंगेर के कुलपति डॉ. रंजीत कुमार वर्मा ने गुरूवार को पूरनमल बाजोरिया शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय, नरगा कोठी में कही। वे प्रांतीय प्रधानाचार्य सम्मेलन के उद्घाटन के मौके पर बोल रहे थे। कार्यक्रम का उद्घाटन कुलपति के अलावा विद्या भारती के राष्ट्रीय मंत्री शिव कुमार, प्रात प्रचारक राणा प्रताप, दक्षिण बिहार उत्तर पूर्व क्षेत्र के क्षेत्रीय संगठन मंत्री ख्याली एवं भारतीय शिक्षा समिति के प्रदेश सचिव प्रकाश चन्द्र जायसवाल ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। अतिथि परिचय भारतीय शिक्षा समिति के प्रदेश सह सचिव प्रदीप कुमार कुशवाहा द्वारा एवं मंच संचालन पटना विभाग के विभाग निरीक्षक वीरेंद्र कुमार द्वारा किया गया। सम्मेलन चार सत्रों में पूरा हुआ। जिसमें दक्षिण बिहार से आए लगभग 200 प्रधानाचार्य एवं उप प्रधानाचार्य ने हिस्सा लिया।

श्री शिवकुमार ने कहा कि नई शिक्षा नीति संतोष परख है। इसमें हमारी विरासत की झलकिया, विकिरण द्योतित होता है। विद्या भारती में प्राचीन गुरुकुल पद्धति की झलक दिखती है। छोटे बच्चे देव तुल्य होते हैं उसके अंदर की जिज्ञासा को अभिभावक एवं आचार्यो द्वारा दूर करने का प्रयास करना चाहिए। परीक्षा पास कर डिग्री प्राप्त करना शिक्षा नहीं है जो पूर्णत्व को प्राप्त करता है वह विवेक है। शिक्षा नीति में शोध की स्थिति का निर्माण करना चाहिए ज्ञान और विवेक के आधार पर शिक्षा होनी चाहिए। राणा प्रताप ने कहा संघ का केंद्र बिंदु है व्यक्ति निर्माण। प्रत्येक हृदय में राम मंदिर बनना चाहिए। तभी राष्ट्र मंदिर का निर्माण होगा। सभी व्यक्ति को राम में होना होगा तभी रामराज्य स्थापित होगा। संपूर्ण देश को राममय संघ में बनाने की जरूरत है। समाज संघ में हो जाए हमें ऐसे कार्य करना चाहिए। प्रस्तावना प्रस्तुत करते हुए प्रकाश चंद जायसवाल ने कहा कि आगामी वर्ष चुनौती भरा है हम कठिनाई का सामना करते हुए आगे बढ़ रहे हैं। इस अवसर पर मुकेश नंदन, गोपेष कुमार घोष, राणा प्रताप सिंह, विजेंद्र कुमार, डॉ. चंद्र भूषण सिंह, ब्रजभूषण तिवारी, डॉ. धीरेंद्र झा, ब्रह्मदेव प्रसाद, राजेश रंजन, बजरंगी प्रसाद, दिलीप कुमार झा, डॉ. अजीत कुमार पाडे, रामजी प्रसाद सिन्हा, अनंत कुमार सिन्हा, मनोज मिश्रा, विनोद कुमार, राजकुमार ठाकुर, राजीव शुक्ला, शशि भूषण मिश्र आदि उपस्थित थे।

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